PM मोदी की हत्या करने की कांग्रेस की साज़िश का पर्दाफाश
PM मोदी की हत्या करने की कांग्रेस की साज़िश का पर्दाफाश
कांग्रेस के हाथ से
जब से केंद्र की
सत्ता गयी है, तब से ही
कांग्रेस पार्टी और इसके नेता
बेहद बौखलाए हुए हैं. एक के बाद
एक होने वाले चुनावों में कांग्रेस की हार का
एकमात्र कारण कांग्रेस मोदी को ही मानती
है और इसलिए पहले
ही दिन से वह मोदी
को अपने रास्ते से "हटाकर" सत्ता में आने के लिए बेचैन
हो रही है. समय समय पर अलग अलग
नामों से तरह तरह
के आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित किये जाते रहे हैं-इन सभी आंदोलनों
में अक्सर मोदी को "हटाने" के लिए नारे
लगाए जाते रहे हैं.
भीमा कोरेगांव मामले में जो वामपंथी आतंकी
मोदी की हत्या की
साज़िश के सिलसिले में
पकडे गए थे, उन्हें
भी कांग्रेस पार्टी का ही समर्थन
था
हाल ही में 5 जनवरी
2022 को पंजाब में एक बार फिर
से कांग्रेस पार्टी ने मोदी की
हत्या की साज़िश को
खुले तौर अंजाम दिया हालांकि कांग्रेस इस बार भी
मोदी की हत्या करने
या करवाने में कामयाब नहीं हो सकी.
मोदी की पंजाब यात्रा
की पूरी जानकारी पंजाब सरकार को यात्रा से
काफी पहले ही उपलब्ध करा
दी गयी थी और इसकी
जानकारी पंजाब सरकार के अलावा और
किसी को नहीं थी-
पंजाब सरकार ने मोदी की
यात्रा की पूरी जानकारी
खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ न
सिर्फ साझा की बल्कि, उन्हें
मोदी का रास्ता रोककर
उन्हें घेरने के लिए भी
पूरी सुविधा भी प्रदान कर
दी गयी .मोदी को एक फ्लाईओवर
पर ऐसी जगह रोक दिया गया जहां से पाकिस्तान की सीमा मात्र
30 किलोमीटर दूरी पर थी और
वहां से बचकर निकलने
का और कोई रास्ता
भी नहीं था. मोदी को फंसाकर किस
तरह से उनकी हत्या
की जानी थी, उसका एक एनिमेटेड वीडियो
एक साल पहले ही यू ट्यूब
पर डाल दिया गया था. सारी साज़िश को उसी तरह
से अंजाम दिया जा रहा था
जिस तरह से वीडियो में
दिखाया गया था लेकिन मोदी
जी की शायद उम्र
लम्बी थी जो वह
20 मिनट उस फ्लाईओवर पर
रास्ता खुलने का इंतज़ार करने
के बाद वापस आ गए. गौर
करने वाली बात यह है कि
इस बीस मिनट की समयावधि में
मुख्यमंत्री चन्नी और उनके अधिकारीयों
ने पी एम की
एस पी जी टीम
का फोन भी नहीं उठाया-इसका मतलब साफ़ है कि इन
बीस मिनटों के अंदर की
कांग्रेस पार्टी के नेता मोदी
के साथ कुछ अनहोनी की प्रतीक्षा कर
रहे थे.
कांग्रेस की साज़िश इस
बात से भी साबित
हो जाती है कि मोदी
के साथ जो एस पी
जी के चीफ चल
रहे थे, उन्होंने पंजाब के डी जी
पी से पूरे बारह
बार बातचीत की थी और
उन्हें हर बार पंजाब
के डी जी पी
ने यही बताया कि रास्ता एकदम
खाली पड़ा हुआ है -जहाँ एक तरफ पंजाब
के डी जी पी
मोदी की एस पी
जी को यह बता
रहे थे कि रास्ता
खाली पड़ा हुआ है, दूसरी तरफ वह पंजाब के
मुख्यमंत्री चन्नी से यह पूछ
रहे थे कि यह
खालिस्तानी प्रदर्शनकारी रास्ता रोककर खड़े हुए हैं, इनसे कैसे निपटना है ?
मुख्यमंत्री चन्नी ने पंजाब के
डी जी पी से
यह कह दिया कि
खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों पर बल का
प्रयोग नहीं होना चाहिए. मज़े की बात यह
है कि मुख्यमंत्री चन्नी
पंजाब के डी जी
पी से लगातार फोन
पर संपर्क में बने हुए थे लेकिन जिन
20 मिनटों तक मोदी जी
फ्लाईओवर पर फंसे हुए
थे उन्होंने उनका या उनकी एस
पी जी टीम का
फोन तक नहीं उठाया.
नियमानुसार न सिर्फ मुख्यमंत्री
चन्नी को, बल्कि पंजाब के डी जी
पी और चीफ सेक्रेटरी
को भी प्रधान मंत्री
को अनिवार्य रूप से रिसीव करना
होता है लेकिन यह
तीनों ही लोग वहां
से न सिर्फ नदारद
थे, बल्कि या तो फोन
नहीं उठा रहे थे और अगर
फोन उठा भी रहे थे
तो एस पी जी
को गलत जानकारी दे रहे थे
कि रास्ता खाली पड़ा है और आप
आ जाओ.
इस साज़िश की सारी कहानी
मीडिया में हालांकि पहले से ही आ
चुकी है लेकिन कोई
भी मीडिया वाला खुलकर वह नहीं बता
रहा है जो एकदम
शीशे की तरह साफ़
है कि इस सारी
साज़िश के पीछे कांग्रेस
पार्टी का मोदी को
मारने या मरवाने का
प्लान था जिसका रिहर्सल
यू ट्यूब के वीडियो में
एक साल पहले ही किया जा
चुका था.
दुर्भाग्य की बात यह
है कि अभी तक
किसी भी विपक्षी दल
ने इस बात की
निंदा करके पंजाब की सरकार को
बर्खास्त करने या मुख्यमंत्री चन्नी
को गिरफ्तार करने की मांग नहीं
की है और न
ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले
का स्वत: संज्ञान लेकर ऐसा कुछ करने का प्रयास किया
है. किसी भी अखबार ने
अभी तक कोई सम्पादकीय
लिखकर न तो इस
सारी साज़िश के लिए कांग्रेस
को जिम्मेवार ठहराया है और न
ही वहां पर राष्ट्रपति शासन
लगाकर चन्नी की गिरफ्तारी का
सुझाव दिया है. कांग्रेस द्वारा जिस तरह से बार बार
लोकतंत्र और मोदी की
हत्या का प्रयास पिछले
7 सालों से किया जा
रहा है उस पर
मीडिया और न्यायपालिका की
खामोशी हैरान और परेशान करने
वाली है .
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