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Showing posts from 2018

मीडिया की "मिलीभगत" से हो रही है "रेप" पर राजनीति

मीडिया की "मिलीभगत" से हो रही है "रेप" पर राजनीति कठुआ में एक बालिका की कुछ रोहिंग्या आतंकवादियों ने हत्या कर दी और उसकी लाश को एक मंदिर में रख दिया. बालिका का नाम आसिफा था और वह मुस्लिम समुदाय से थी. इस वारदात को हमारा मीडिया और टी वी चैनल कुछ अलग ढंग से ही पेश कर रहे हैं. मीडिया की माने तो इस बालिका का रेप इस मंदिर में किसी हिन्दू ने किया था. इस सफ़ेद झूठ को टी वी चैनल और मीडिया २४ घंटे इसलिए दिखा रहे हैं ताकि वह कहावत सही साबित हो जाए कि अगर एक झूठ को भी सौ बार दोहराया जाए तो वह सच लगने लगता है. कर्नाटक में १२ मई को चुनाव होने हैं और उसीके मद्देनज़र इस तरह से झूठ को फैलाया जा रहा है जिस तरह से हर चुनाव से पहले "अवार्ड वापसी गैंग" कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों की मदद करने के लिए झूठ के सहारे दुष्प्रचार करना शुरू कर देता है. इस बार इस झूठ और दुष्प्रचार में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया ने भी अपनी निर्णायक भूमिका अदा की है. रोहिंग्या आतंकवादियों द्वारा एक बालिका की निर्मम हत्या और उसकी लाश को एक मंदिर में रखकर हिन्दू धर्म को बदनाम करन

“पाकिस्तान जिंदाबाद” से “पाकिस्तान नंगाबाद ” तक का सफर

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री की  अमेरिका के हवाई अड्डे पर सारे कपडे उतारकर तलाशी ली गयी है. इस खबर की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो चुकी हैं. देखा जाए तो यह कपडे सिर्फ पाकिस्तानी पी एम के ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के उतारे गए हैं और अमेरिका ने एक बार पूरी दुनिया को “आतंकवाद का मजहब” बताते हुए पाकिस्तान को सभी के सामने निर्वस्त्र  कर दिया है. भारतीय मीडिया और टी वी चैनलों के साथ साथ खुद पाकिस्तानी मीडिया और टी वी चेनल इस खबर को काफी रोचकता के साथ पेश कर रहे हैं. दरअसल  यह मामला इतना सीधा नहीं है, जितना लग रहा है. कपडे सिर्फ पाकिस्तानी पी एम या पाकिस्तान के ही नहीं उतरे हैं. हमारे अपने ही देश में ऐसे हज़ारों लोग हैं तो खाते तो हिन्दुस्तान का हैं लेकिन गाते पाकिस्तान का हैं. उन सब के भी यकायक सभी कपडे उतर गए हैं. आइये देखते हैं, ऐसे कौन कौन से लोग हैं, जिनके कपडे इस घटना के बाद से उतर गए हैं : १. वे सभी लोग जो भाजपा की हार पर “पाकिस्तान जिंदाबाद-भारत तेरे टुकड़े होंगे” के नारे लगाते हैं, उनके सभी कपडे इस घटना के बाद से उतर गए हैं. २. वे सभी लोग जो जे एन यू जैसे तथाकथित श

मोदी ने अगर कुछ नहीं किया तो विपक्ष घबराया हुआ क्यों है ?

मोदी सरकार को सत्ता संभाले लगभग ४ साल का समय पूरा हो चूका है. मोदी सरकार बनने से पहले देश में ज्यादातर समय या तो कांग्रेस पार्टी का शासन था या फिर कांग्रेस के समर्थन से चलने वाली सरकारों का शासन था. कांग्रेस और इसके समर्थन से चलने वाली सभी सरकारों ने देश को जी भरकर लूटा और अपने जबरदस्त भ्रष्टाचार और कुशासन से देश को लगभग महाविनाश के कगार पर पहुंचा दिया. क्योंकि पिछले ६०-७० सालों से कांग्रेस और उसके सहयोगी मिल बांटकर देश को लूट रहे थे,मोदी सरकार के आने से इन सबकी कमाई भी बंद हो गयी और इन लोगों के समर्थन और सहयोग से चलने वाली वे सभी दुकाने भी बंद हो गयीं, जो सामाजिक कार्यकर्त्ता, अर्थशास्त्री , फिल्मकार, इतिहासकार और कलाकार आदि के नामों से चल रही थीं. यह सभी लोग “अवार्ड वापसी गैंग” का हिस्सा बन गए और अपनी दुकानों के बंद होने के विरोध में अपने अपने अवार्ड भी वापस करने लगे. देखा जाए तो इन विपक्षी राजनीतिक दलों को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ा है. किसी भी व्यक्ति ने बड़ी मुश्किल से पिछले ६०-७० सालों में जनता को निर्ममता से लूटने की जो दुकाने खोल रखी हों, अगर उन्होंने अचानक ही बंद करना पड़

थूककर चाटने वाले को केजरीवाल कहते हैं

केजरीवाल ने हाल ही में पंजाब के एक विरोधी राजनीतिक नेता मजीठिया से मानहानि मामले में कोर्ट के सामने जाकर अपना लिखित माफीनामा दाखिल किया है. पंजाब चुनावों के समय केजरीवाल ने अपनी गन्दी आदत के मुताबिक बेबुनियाद और गंभीर आरोप मजीठिया पर लगाए थे, जिन्हे वह अदालत में साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहे. केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का यह कोई पहला मामला नहीं है और न ही आखिरी मामला है. जब से केजरीवाल  राजनीति में आये हैं, पहले ही दिन से उनकी यह आदत रही है कि विपक्षी पार्टी के नेताओ पर गंभीर आरोप लगाकर किसी भी तरह चुनाव जीत जाओ और बाद में जब वह व्यक्ति केजरीवाल के ऊपर मानहानि का दवा ठोंक दे तो उन आरोपों को साबित करने की बजाये लिखित में  माफी मांग लो. इसी तरह का एक बड़ा मानहानि का मामला वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी केजरीवाल के ऊपर कर रखा है और इस मामले में भी केजरीवाल अभी तक कुछ भी आरोप साबित नहीं कर पाए हैं. इस बात की पूरी सम्भावना है कि अरुण जेटली समेत बाकी से सभी मानहानि के मामलों में भी केजरीवाल लिखित माफीनामा ही दाखिल करेंगे. जहां तक मुझे ध्यान है केजरीवाल के खिलाफ सबसे अधिक और सबसे पहले ब

मोदी ने कैसे किया वामपंथ का अंत !

पूर्वोत्तर राज्यों में नरेंद्र मोदी का जादू कुछ इस तरह से सर चढ़कर बोला कि वामपंथ और वामपंथी विचारधारा का एक ही झटके में अंत हो गया. इस देश में आज़ादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी ने अपने दुष्कर्मों पर पर्दा डालने के लिए वामपंथी ताकतों और उनकी विचारधारा को पनपने का भरपूर मौका दिया. वामपंथ की अपनी कोई विचारधारा नहीं है. इन लोगों की विचारधारा यही रही है कि “जिस थाली में खाओ उसी में छेद करो”. दूसरे शब्दों में वामपंथ, माओवाद या फिर नक्सलवाद , यह सभी विचारधाराएं देशद्रोह पर आधारित हैं. जाहिर है कि जो भी व्यक्ति या संगठन इस विचारधारा का पक्षधर है, वह अव्वल दर्ज़े का  देशद्रोही  है. कांग्रेस पार्टी ने अपने फायदे के लिए इन लोगों को देश का इतिहास लिखने पर लगा दिया और यह लोग अपनी मन मर्ज़ी से मन गढंत इतिहास लिख लिखकर देश के लोगों को गलत मलत इतिहास पढ़ने पर मजबूर करते रहे. इन लोगों का लिखा हुआ इतिहास कितना हास्यास्पद है, उसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन लोगों की माने तो “राहुल गाँधी एक करिश्माई नेता” हैं और “शहीद भगत सिंह एक आतंकवादी” हैं. इन लोगों को पिछले ६०-७० सालों में तरह तरह के

“केजरीवाल की गुफा” में होते हैं ऐसे अपराध !

अभी तक लोग गुरमीत बाबा राम रहीम की “सीक्रिट गुफा” में किये जाने वाले काले आपराधिक कारनामों के बारे में भूल भी नहीं पाए थे, एक ऐसी ही दूसरी गुफा का हाल ही में खुलासा हुआ है. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने एक बड़ा खुलासा करते हुए केजरीवाल की उस “सीक्रिट” गुफा के बारे में बताया है, जहां वह अपने सभी दुष्कर्मों को बखूबी अंजाम देते हैं. अभी हाल ही में जब दिल्ली के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी अंशुल प्रकाश पर केजरीवाल की पार्टी के कुछ विधायकों और अन्य नेताओं ने गुंडागर्दी का अभूतपूर्व परिचय देते हुए , उन पर जानलेवा हमला किया तो वह आपराधिक घटना को इसी गुफा में अंजाम दिया गया. ताकि इस गुफा में किये गए आपराधिक कारनामे कानून की पकड़ में न आ सकें, इसीलिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इस गुफा में कोई सी सी टी वी कैमरा नहीं हो. हम सभी ने हिंदी फिल्मों में कई बार देखा है कि जब भी खलनायक, फिल्म के नायक या नायिका को पकड़कर उसे अपनी “सीक्रिट गुफा” में प्रताड़ित करता है तो उसकी “मजबूरी” और “बेबसी” का मज़ाक उड़ाते हुए खलनायक जोर जोर से राक्षसी अट्टहास लगाता है . ठीक उसी अंदाज़ जब आम आदमी पार्ट

PNB scam and its fallout is actually going to benefit BJP in the 2019 elections

On 7th February 2018, Prime Minister Narendra Modi delivered a historical speech in the Parliament. In his speech, he not only attacked the Congress party for the misdeeds done by it while it was ruling the country, but also warned that the time has now come to face the consequences of the misdeeds. Let us first see the relevant portion of the speech, which rattled the Congress party: PM Modi said, “I have proof of how the Congress looted and plundered India. You will pay for your sins. Time has come for you to be held accountable and answerable to the people of India. Loans were given without any scrutiny, they were distributed like sweets. Your bad decisions have directly been the reason for failures.” If we read carefully what has been said by PM Modi in the above few words, we will find that this was the most severe attack by any PM in the Parliament directed at the main opposition party. Congress party was well aware of its impact inside and outside the Parliament as the proc

२०१९ में एक बार फिर होगी मोदी की धमाकेदार वापसी

२१ दिसंबर २०१७ को मेरा एक लेख इसी मंच पर प्रकाशित हुआ था. शीर्षक था-“मोदी जी, भ्रष्टाचारियों से नहीं निपटे तो आपकी सरकार निपट जाएगी”. २०१९ में लोकसभा के चुनाव होने हैं और भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही करने के लिए समय अब बहुत कम बचा है- जो काम पिछले ४ सालों में नहीं हुआ, उसे अब सिर्फ आखिर के एक साल में करने की बड़ी चुनौती मोदी सरकार के सामने है. पंजाब नेशनल बैंक के नीरव  मोदी घोटाले का पर्दाफाश हो चुका है. इस घोटाले के बारे में अगर विस्तार से और ठीक से लिखना हो तो एक २५० पन्नों की पूरी किताब लिखनी पड़ेगी. लेकिन ब्लॉग में यह सब लिखना न तो संभव है और न ही उसे कोई पाठक पढ़ना चाहेगा. हम इस घोटाले को बेहद सरल तरीके से समझने का प्रयास करते हैं. किसी भी बैंक में अगर आप कोई “होम लोन” भी लेने जाते हैं तो आपका वह मकान गिरवीं रख लिया जाता है और उसके बाजार मूल्य की लगभग ८० या ९० प्रतिशत रकम आपको “होम लोन” के रूप में दे दी जाती है. फ़र्ज़ कीजिये कि आपको एक २५ लाख रुपये की कीमत का मकान खरीदना है तो उसके लिए बैंक आपके मकान को गिरवीं रखकर उसके लिए सिर्फ २० लाख रुपये का लोन ही देगा और बाकी की रकम का इंतज़ाम आप

क्या 2018 के आम बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है ?

क्या 2018 के आम बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है ? जिस दिन से २०१८-१९ के आम बजट की घोषणा हुई है, देश की विपक्षी पार्टियां और उसके नेता सकते में हैं. २०१९ के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी बजट है और “मिडिल क्लास” यानि कि मध्यम वर्ग भाजपा का सबसे प्रिय वोट बैंक है. २०१४ से अब तक मध्यम वर्ग के लिए अलग अलग बजटों में सरकार रियायत दे भी चुकी है. लेकिन इस बार के बजट में ४०००० रुपये की मानक छूट देने के साथ साथ १९२०० रुपये का यातायात भत्ता और १५००० रुपये के मेडिकल खर्चों के भुगतान को ख़त्म कर दिए जाने की वजह से , मध्यम वर्ग के लोगों को यह लग रहा है मानो यह छूट सिर्फ ५८०० रुपये की ही है, जबकि ऐसा सोचना सही नहीं है. आयकर कानून में इस बार जो ४०००० रुपये की छूट दी गयी है, उसके साथ कोई शर्त नहीं लगी है और वह सभी वेतन भोगियों और पेंशन भोगियों को सामान रूप से मिलने वाली है. इसके विपरीत जो १९२०० रुपये का ट्रांसपोर्ट अलाउंस मिलता था, वह इस शर्त पर मिलता था कि उतनी रकम कर्मचारी ट्रांसपोर्ट पर खर्चा करता होगा. इसी तरह १५००० रुपये के मेडिकल बिल्स देने पर ही मेडिकल के खर्चे मिलते थे

7 reasons why Budget-2018 is a masterstroke by Narendra Modi

The Union Budget 2018 presented by the Finance Minister Arun Jaitley was the last budget of the Narendra Modi Government before the Country again goes to Loksabha Elections in 2019. As was expected, opposition political parties, however, do not endorse this general view and are criticising the budget on the pretext that the middle class taxpayers have been completely ignored in the budget. Before, we proceed further, let us first discuss the benefits given in the budget to the middle class population of the society. 1. Majority people in the middle class can be classified as salaried persons. Standard Deduction of Rs.40000 has been introduced in the budget, which will be available to all persons drawing salary and pension, irrespective of their salary amount. It may also be noted that there are no conditions attached for availing this deduction. Some people are spreading the misinformation that the benefit of Standard Deduction has been taken away by the Government by withdrawing

SALIENT FEATURES OF THE FINANCE BILL 2018

Salient Features of Finance Bill, 2018                        -CA RAJEEV GUPTA 👉1. No change in Tax Rate. All persons including individuals, HUF, Firms and Companies to pay same tax . However Education cess is being increased from 3 to 4 % to be knon as Education and Health cess. 👉2. However  for Domestic Companies having total turnover or  gross receipts  not exceeding  Rs 250 crores in Financial year 2016-17 shall be liable tp pay tax at 25% as against present ceiling of Rs 50 crore in Financial year 2015-16. 👉3. Long term Capital gain exemption under section 10(38) in respect of listed STT paid shares being withdrawn. 👉4. However capital gain up to 31.1.2018 shall not be taxed as cost of acquisition will be taken as Fair Market Value as on 31.1.2018. 👉5. Tax on STT paid long term capital Gain will be 10% under Section 112A. Further such tax will be liable for TDS. 👉6. Standard Deduction of Rs 40,000 for salaried employees. However benefit of transport allowance of

क्या विपक्षी राजनेता पाकिस्तान के इशारे पर देश में जातिवाद का जहर फैला रहे हैं ?

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अभी हाल ही में  महाराष्ट्र के कुछ भागों में विपक्षी राजनेताओं ने जाति वाद का जहर फैलाकर  मोदी सरकार को बदनाम करने की नाकाम कोशिश की. जैसे ही जातीय हिंसा शुरू हुयी, विपक्षी राजनीतिक दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक ट्वीट करके मोदी सरकार, भाजपा और आर एस एस को कोसना शुरू कर दिया. ऐसा लग रहा था जैसे यह सब पहले से लिखी गयी पटकथा का नाटकीय प्रस्तुतिकरण किया जा रहा हो. वामपंथियों और कांग्रेसियों के पाले हुए स्वघोषित वरिष्ठ पत्रकारों ने भी आग में घी डालकर जाति वाद के जहर को फैलाने में अपना पूरा योगदान दिया. देश के विपक्षी राजनेता यह सब पहली बार कर रहे हों, ऐसी बात नहीं है. जबसे केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, वे सभी राजनीतिक दल और उनके टुकड़ों पर पलने वाले मीडिया कर्मी इस बात को लेकर दिन रात इसी प्रयास में लगे हुए हैं कि किस तरीके से मोदी सरकार को हटाया जाए और अपनी मनपसंद पार्टी को सत्ता में लाया जाए ताकि जिस तरह पिछले ६० सालों से जिस तरह से देश की जनता को लूट लूट कर बंदरबांट का सिलसिला चल रहा था, उसे आगे भी चलते रहने दिया जाए. रोहित वेमुला के मामले में भी खूब दलित राज