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आम जनता से वसूले गए टैक्स पर हो रही है नेताओं की मौज

समय समय पर सरकार , सरकार के मंत्री और सरकारी विज्ञापन जनता को यह नसीहत देते   नज़र आते हैं कि लोग अपने हिस्से का टैक्स जमा करते रहें . " पर उपदेश कुशल बहुतेरे " की तर्ज़ पर दी गयी इस नसीहत के पीछे सरकार का तर्क यह होता है कि इस टैक्स के रूप में वसूली हुई रकम से ही सरकार और सरकार की योजनाएं चलती हैं . जहां   एक तरफ सरकार देश की आम जनता से टैक्स वसूली पर जरूरत से ज्यादा जोर देती दिख रही है , वहीं खुद राजनेता बिना कोई टैक्स दिए किस तरह से जनता से वसूले गए टैक्स पर मौज काट रहे हैं , उसे देख - सुनकर आप हैरान हो जाएंगे . भ्रष्ट राजनेताओं और अफसरों ने देश के टैक्स कानून इस तरह से बनाये हुए हैं , कि मध्यम वर्ग जनता   और व्यापारी हमेशा टैक्स की मार झेलते रहें   और भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की हमेशा ही मौज लगी रहे . आइए देखे नेताओं और अफसरों द्वारा रची गयी   इस साज़िश को कानूनी रूप देकर किस तरह से जनता को लगातार लूटा जा रहा है :