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मोदी को हराने में हमारी मदद करो

कुछेक साल पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद और मणि शंकर अय्यर पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे और अपनी यात्रा के दौरान वे दोनों पकिस्तान सरकार से यह गिड़गिड़ा रहे थे कि मोदी को हराने में पाकिस्तान उनकी पार्टी की मदद करे. भारत के किसी भी राज्य में चुनाव हो रहे हों, उस समय पकिस्तान किस तरह से सीमा पर सीज़फायर का उल्लंघन करके भारत  सरकार को परेशान करने की नाकाम कोशिश  करता है , वह एक तरह से कांग्रेस पार्टी की मदद ही समझी जानी चाहिए. दरअसल अपने इन्ही दुष्कर्मों के चलते कांग्रेस पार्टी  राजनीति में एकदम हाशिये पर आ चुकी है लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसके नेता इस संकट से उबरने की बजाये और नए दुष्कर्म करके राजनीतिक दलदल में फंसते जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी और उसके नेता शायद यह समझते हैं कि वे किसी भी दुशमन देश की सरकार से मोदी को हराने के लिए मदद मांगेंगे तो देश की जनता बहुत खुश होगी और उन्हें वोटों से मालामाल कर देगी लेकिन अब देश की जनता पहले से बहुत ज्यादा समझदार हो चुकी है और कांग्रेस पार्टी  और उसके नेताओं की इन देशद्रोही हरकतों का गंभीरता से संज्ञान लेकर इस पार्टी को समुचित दंड देती

ICAI फाउंडेशन डे पर मोदी जी का भाषण और मीडिया की गलत बयानी

हर साल १ जुलाई को इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (ICAI) का स्थापना दिवस मनाया जाता है. १९४९ में इसी दिन ICAI की स्थापना हुई थी. यह फॉउंडेशन डे हर साल मनाया जाता है और सरकार के कोई न कोई वरिष्ठ मंत्री इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर आते रहे हैं. इस बार पी एम् मोदी खुद इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, जिसके चलते इस कार्यक्रम में न सिर्फ मोदी जी खुद शरीक हुए, बल्कि वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत मोदी सरकार के लगभग दर्ज़न भर मंत्री, कई राज्यों के मुख्य मंत्री और वित्त मंत्रालय के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद थे. इत्तेफ़ाक़ से १ जुलाई के दिन ही GST लागू होने की वजह से मोदी सरकार ने इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश भी की. अपने एक घंटे के भाषण में पी एम मोदी ने क्या कहा, वह अलग से बहस का मुद्दा हो सकता है और उस पर टिप्पणी करना इस लेख का उद्देश्य नहीं है. मेन स्ट्रीम मीडिया की घटती विश्वसनीयता पर मैंने पहले भी कई बार सवाल उठाये हैं. इस कार्यक्रम की रिपोर्टिंग को लेकर एक बार फिर मीडिया की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गयी है. दरअसल इस कार्यक्रम में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और स्टूडेंट्स

कश्मीरी आतंकवादियों के आगे घुटने टेकती मोदी सरकार

कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एक बार फिर अपनी दरिंदगी दिखाते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को निर्ममता से पीट पीट कर मार डाला है. खबर यह है क़ि जब यह पाकिस्तानी दरिंदे पकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे, तो पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी उनकी वीडियो बना रहा था. बस इसी बात से बौखलाकर इन आतंकवादियों ने अपने वहशीपन की सभी सीमायें लांघते हुए इस पुलिस अधिकारी को पीट पीट कर मार डाला. कश्मीर के लिए यह कोई नयी घटना नहीं है- यहां अक्सर सुरक्षा बल के सैनिक और पुलिस अधिकारी पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी आतंकवादियों के हाथों लगभग हर रोज ही मौत के घाट उतार दिए जाते हैं और जम्मू-कश्मीर की सत्ता लोलुप निकम्मी सरकार वहशी दरिंदों के हाथों पुलिस और सेना के जवानो की इस हत्या पर चुप्पी लगाए बैठी रहती है. प्रदेश सरकार और केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी आतंकवादियों के प्रति जो कायरता पूर्ण रवैया अख्तियार किया हुआ है, उसके चलते नेताओं के छोड़कर कश्मीर में कोई भी देशभक्त व्यक्ति सुरक्षित नहीं है. नेता भी इसलिए जिन्दा घूम रहे हैं क्योंकि उन्हें जनता के खर्चे पर सरकारी सुरक्षा मिली हुय

आम जनता से वसूले गए टैक्स पर हो रही है नेताओं की मौज

समय समय पर सरकार , सरकार के मंत्री और सरकारी विज्ञापन जनता को यह नसीहत देते   नज़र आते हैं कि लोग अपने हिस्से का टैक्स जमा करते रहें . " पर उपदेश कुशल बहुतेरे " की तर्ज़ पर दी गयी इस नसीहत के पीछे सरकार का तर्क यह होता है कि इस टैक्स के रूप में वसूली हुई रकम से ही सरकार और सरकार की योजनाएं चलती हैं . जहां   एक तरफ सरकार देश की आम जनता से टैक्स वसूली पर जरूरत से ज्यादा जोर देती दिख रही है , वहीं खुद राजनेता बिना कोई टैक्स दिए किस तरह से जनता से वसूले गए टैक्स पर मौज काट रहे हैं , उसे देख - सुनकर आप हैरान हो जाएंगे . भ्रष्ट राजनेताओं और अफसरों ने देश के टैक्स कानून इस तरह से बनाये हुए हैं , कि मध्यम वर्ग जनता   और व्यापारी हमेशा टैक्स की मार झेलते रहें   और भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की हमेशा ही मौज लगी रहे . आइए देखे नेताओं और अफसरों द्वारा रची गयी   इस साज़िश को कानूनी रूप देकर किस तरह से जनता को लगातार लूटा जा रहा है :