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मोदी ने फेरा इनके सपनों पर पानी !

यह बात पढने या सुनने मे अजीब तो जरूर लग सकती है  पर चौतरफा "मोदी-विरोध" की एक वजह यह भी है कि चाहे अपने आप मे एक इतिहास बन चुके वामपंथी हों या फिर राजनीति की नौटंकी करने वाले उमर अब्दुल्ला,फारूख अब्दुल्ला,अखिलेश यादव, केजरीवाल, लल्लू,मुलायम,नीतीश,ममता,माया,राहुल,सोनिया और प्रियंका जैसे तथाकथित राजनेता-सभी की सबसे बड़ी समस्या आज की तारीख मे नरेन्द्र मोदी है और  यह सब के सब मोदी के नाम से इस कदर आतंकित लगते है, मानो मोदी के पी एम बनने के साथ ही यह लोग अपने-अपने सही ठिकाने पर पहुंच जायेंगे ! इस बात को और ठीक से समझने के लिये पहले यह समझना जरूरी है कि पिछले लगभग 60 सालों से कांग्रेस ने इस देश की सत्ता का तीन तरीकों से आनन्द लिया है-पहला तरीका तो यह है कि कांग्रेस पार्टी का पूर्ण बहुमत आ जाये और अपनी सरकार बनाकर सारी की सारी मलाई यह खुद ही खा जाएं- दूसरा तरीका यह है कि कांग्रेस "यू पी ए " की आड़ मे सत्ता सुख भोगती रहे-तीसरा तरीका यह है जब कांग्रेस "मरी- पिटी -कुचली" और जनता द्वारा धिक्कारी गयी पार्टियों (जिसे यह लोग तीसरा मोर्चा या थर्ड फ्रंट कहते हैं) को

अब क्या करेंगे केजरीवाल ?

चुनाव परिणाम हालांकि अभी आने बाकी है लेकिन यह बात तो निश्‍चित है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी का भविष्य पूरी तरह से खतरे मे पड गया लगता है ! जितने भी एग्ज़िट पोल अभी तक हुये है, किसी ने भी केजरीवाल पार्टी को प़ूरे देश मे 3 से लेकर 7 सीटों से ज्यादा का आकलन नही दिया है ! दिल्ली विधान सभा मे "भ्रष्टाचार" के मुद्दे पर चुनाव लडकर 28 सीटें जीतने वाली पार्टी और फिर बाद मे कांग्रेस पार्टी के सहयोग से दिल्ली मे सरकार बनाने वाली पार्टी की ऐसी दुर्दशा होगी, इसका अंदाज़ा जनता को तो था, इस पार्टी के नेताओं और उसके अंध समर्थकों को नही था-इनकी दुर्दशा ऐसी हुई है कि कांग्रेस पार्टी वाले अपनी दुर्दशा को भूलकर इनकी दुर्दशा और दुर्गति पर ज्यादा शोक मना रहे है और उसी से खुद को सांत्वना दे रहे हैं ! "धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का" , वाली कहावत अभी तक सिर्फ किताबों मे ही पढी सुनी थी, उसको पूरी तरह से हकीकत मे तब्दील करके दिखाने के लिये केजरीवाल एंड कॅंपनी ने जो अथक प्रयास किये हैं, उन्हे भुलाया नही जा सकता ! शीला दीक्षित को हराने का अहंकार केजरीवाल के ऐसे सर चढकर बोला कि उनकी आ

मोदी की सरकार-बाकी सब लाचार !!!

राहुल,सोनिया और प्रियंका-हुये सभी बेकार ! मोदी  की सरकार- बाकी  सब   लाचार !!! कांग्रेस मुक्त भारत का सपना हुआ साकार ! मोदी की सरकार- बाकी सब लाचार !!! "शहज़ादे" की "झाडू" भी नही चली इस बार!  मोदी की सरकार- "शहज़ादा" लाचार !!!  नीतीश-लल्लू, और मुलायम खूब खाएं फटकार ! मोदी की सरकार-  "नेताजी" लाचार !!! जेल मे चक्की पीसेगा लल्लू फिर एक बार !  मोदी की सरकार- लल्लू फिर लाचार !!!  माया और मुलायम को मिली बहुत दुत्कार !  मोदी की सरकार- माया भी लाचार !!! करुणा, राजा, कानीमोज़ी-सबको है धिक्कार ! मोदी की सरकार- करुणा भी लाचार !!! उजड गया केजरीवाल का सपनो का संसार मोदी की सरकार-  "झाडू" भी लाचार !!! धारा 370 सुनकर अब्दुल्ला को चढ़ा बुखार ! मोदी की सरकार- अब्दुल्ला  लाचार !!! थर-थर काँप रहा  अब्दुल्ला,भागने को तैयार !  मोदी की सरकार- सबके सब लाचार !!! -------------------------------------------------- rajeevg@hotmail.com  Published on 18/5/2014

मोदी की जीत से दहशत मे है पाकिस्तान !

भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक विजय  के चलते समूचे पाकिस्तान मे भय और दहशत का माहौल बना हुआ है ! इसमे हालांकि हैरानी की कोई बात नही है क्योंकि यह तो पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और भारत से सीधी लड़ाई लड़ने की बजाये अपने यहाँ से आतंकवादियों को भारत मे भेजकर अपने नापाक मनसूबों को अंज़ाम देता रहता है ! पाकिस्तान अपनी चालबाज़ी मे अब तक इसलिये कामयाब होता आया था क्योंकि अब तक ज्यादातर समय भारत मे जिन राजनीतिक दलों ने शासन किया, वे पाकिस्तान की इन नापाक हरकतों को "सेकुलरिज्म" के नाम पर जान बूझ कर  नज़रअंदाज़ करते रहे और उसीके चलते पाकिस्तान के हौसले दिन ब दिन बुलंद होते गये ! अब पाकिस्तान को पहली बार लग रहा है कि उसकी इन आतंकवादी हरकतों पर कसकर लगाम लगने वाली है और इसी के चलते वहां पर जबरदस्त खलबली मची हुई है ! ऐसा नही है कि पाकिस्तान ने भाजपा और मोदी को रोकने की बिल्कुल कोशिश नही की ! "सेकुलरिज्म" का नकली चोला ओढ़े हुये विभिन्न राजनीतिक दल और तथाकथित बुद्धिजीवी पिछले 12 सालों से मोदी और भाजपा के खिलाफ जबरदस्त घिनौने दुष्प्रचा

मोदी विरोधियों का मानसिक संतुलन क्यों बिगड़ रहा है ?

लोकसभा चुनावों मे जिस तरह से मोदी विरोधियों के मुंह पर देश की जनता ने उनके दुष्कर्मों के लिये कड़े दंड के रूप मे करारा तमाचा रसीद किया है, उसके चलते इन सभी लोगों का मानसिक संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा गया है और यह लोग बिना किसी वजह के ही अपनी छाती पीटे जा रहे है ! भाजपा को देश की जनता ने जिस तरह से पूर्ण बहुमत दिया है, उससे एक बात तो साफ हो जाती है कि जिन देश विरोधी और जन विरोधी ताकतों ने पिछले काफी समय से मोदी और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था, उनकी "सेकुलरिज्म" की दुकाने रातों रात बंद हो गयी है और उनके राजनीतिक भविष्य पर ही खतरा मँडराने लगा है ! बिहार मे तो इतनी ज्यादा हास्यास्पद स्थिति पैदा हो गयी है कि नीतीश कुमार जो अपने आप को पी एम पद का सबसे प्रबल दावेदार समझे बैठे हुये थे, उन्हे मुख्यमंत्री की कुर्सी से भी हाथ धोना पड गया-सिर्फ इतना ही नही, जेल मे चक्की पीस रहे लल्लू को तो कांग्रेस ने अपनी मदद के लिये जेल से बाहर निकाला था, लेकिन लल्लू का मानसिक संतुलन ऐसे बिगड़ा कि कांग्रेस की वजाये वह, नीतीश की पार्टी का समर्थन करने पर मजबूर है ! जिस तरह का जंगल राज बिहार मे

आर्टिकल 370 हट गया तो अब्दुल्ला का क्या होगा ?

आर्टिकल 370 जो कि एक अस्थायी प्रावधान था और जिसे कई दशकों पहले ही हट जाना चाहिये था-सिर्फ इसीलिये नही हट सका क्योंकि "सेकुलरिज्म" का पाखंड करने वाले लोग केन्द्र और जम्मू-कश्मीर की सत्ता पर किसी ना किसी तरह क़ाबिज़ रहे और इस जन विरोधी और देश विरोधी आर्टिकल 370 को हटाने की बात पूरी तरह से नजरअंदाज़ करते रहे ! 2014 के लोकसभा चुनावों ने देश की जनता ने ऐसी देश विरोधी ताकतों को पूरी तरह धिक्कार दिया है और उन्हे यह साफ संदेश देने की कोशिश की है कि अब बहुत टालमटोल हो चुकी है और इस देश विरोधी आर्टिकल 370 को तुरंत प्रभाव से हटाने का वक्त आ गया है ! देश के नये प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी हालांकि चुनावों से पहले ही इस बात के संकेत दे चुके है कि आर्टिकल 370 के ऊपर खुले दिमाग से चर्चा होनी चाहिये और उसके फायदे नुकसान की समीक्षा करने के बाद उस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जाना चाहिये ! चुनावों के बाद उसी बात को प्रधानमंत्री कार्यालय मे मंत्री जो खुद जम्मू-कश्मीर से सांसद भी है, उन्होने भी दोहरा दिया ! अब्दुल्ला हालांकि चुनावों मे करारी शिकस्त का सामना कर चुके है और मोदी समर्थकों को समु

अखिलेश सरकार होगी बर्खास्त ?

जब से उत्तर प्रदेश मे सपा और बसपा के कदम पड़े हैं, उत्तर प्रदेश मे जंगल राज और गुंडा राज अपने चरम पर पहुंच गया है ! दुर्भाग्य की बात यह रही है कि इस जंगल और गुंडा राज के बाबजूद यहाँ कभी राष्ट्रपति शासन नही लगाया गया और ना ही यहाँ की सरकारों को बर्खास्त करके इन पार्टी के अपराधी नेताओ को दंड दिया गया क्योंकि केन्द्र मे बैठी कांग्रेस की अल्पमत सरकार इन्ही अपराधियों के समर्थन से चल रही थी और देश की लूट मे यह सभी लोग मिल बांटकर मलाई खा रहे थे ! लोकसभा चुनावों मे करारी हार मिलने के बाद मायावती और मुलायम बुरी तरह तिलमिला गये हैं और प्रदेश की जनता पर भयंकर अत्याचार कर रहे है !  प्रदेश मे सभी इलाकों मे धडाधड सामूहिक बलात्कार करवाये जा रहे है  और सभी इलाकों मे बिजली की सप्लाई ठप्प कर दी गयी है ! बिजली सिर्फ उन 5 जगह आ रही है जहां से समाजवादी पार्टी के नेता चुनावों मे जीते है ! बहाना यह बनाया जा रहा है कि बिजली की कमी है-अगर यह बहाना सही होता तो चुनावों से पहले 24 घंटे बिजली कैसे आ रही थी ? मजे की बात यह है कि हाल ही मे बदायूँ और आज़मगढ़ मे सामूहिक बलात्कार की खबर आई है-इन दोनो ही ज़िलों मे