मोदी की जीत से दहशत मे है पाकिस्तान !

भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक विजय के चलते समूचे पाकिस्तान मे भय और दहशत का माहौल बना हुआ है ! इसमे हालांकि हैरानी की कोई बात नही है क्योंकि यह तो पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और भारत से सीधी लड़ाई लड़ने की बजाये अपने यहाँ से आतंकवादियों को भारत मे भेजकर अपने नापाक मनसूबों को अंज़ाम देता रहता है ! पाकिस्तान अपनी चालबाज़ी मे अब तक इसलिये कामयाब होता आया था क्योंकि अब तक ज्यादातर समय भारत मे जिन राजनीतिक दलों ने शासन किया, वे पाकिस्तान की इन नापाक हरकतों को "सेकुलरिज्म" के नाम पर जान बूझ कर  नज़रअंदाज़ करते रहे और उसीके चलते पाकिस्तान के हौसले दिन ब दिन बुलंद होते गये !

अब पाकिस्तान को पहली बार लग रहा है कि उसकी इन आतंकवादी हरकतों पर कसकर लगाम लगने वाली है और इसी के चलते वहां पर जबरदस्त खलबली मची हुई है ! ऐसा नही है कि पाकिस्तान ने भाजपा और मोदी को रोकने की बिल्कुल कोशिश नही की ! "सेकुलरिज्म" का नकली चोला ओढ़े हुये विभिन्न राजनीतिक दल और तथाकथित बुद्धिजीवी पिछले 12 सालों से मोदी और भाजपा के खिलाफ जबरदस्त घिनौने दुष्प्रचार मे लगे हुये थे ! देश की देशभक्त और राष्ट्रवादी जनता ने इन दुष्प्रचार करने वालों के मुंह पर ऐसा तमाचा मारा है जिसकी गूँज पाकिस्तान तक जा पहुंची है और पाकिस्तान इसीलिये काफी तिलमिलाया हुआ है !


"सेकुलरिज्म" का नकली चोला पहने हुये लोगों की हालांकि देश की जनता ने ठीक से धुनाई और ठुकाई कर दी है लेकिन यह लोग लातों के भूत है और बातों से मानते तो आज यह दिन देखना ही नही पड़ता ! अभी भी इनसे जनता का फैसला स्वीकार नही किया जा रहा है और कुछ ना कुछ अनाप शनाप बकबास करके जनता के फैसले को चुनौती देने की जुर्रत कर रहे हैं !

कांग्रेस के तथाकथित वरिष्ठ नेता संजय निरूपम का हालिया बयान जिसमे उन्होने मोदी और भाजपा की ऐतिहासिक जीत के पीछे EVM मशीनो मे गड़बड़ी का हाथ बताया था, ना सिर्फ हास्यास्पद है, इस बात को भी दर्शाता है कि पिछले 60 सालों से क्या कांग्रेस पार्टी भी इसी तरह के हथकंडे अपनाकर देश की सत्ता पर क़ाबिज़ थी क्योंकि जनता का जनादेश तो कभी भी इन "सेकुलरिज्म" का ढोंग करने वालों के साथ रहा नही-फिर यह लोग बार बार जीत कैसे रहे थे ? चुनावी धाँधलियों और बोगस वोटिंग के जो वीडियो हाल ही मे सामने आये हैं, उन्ही से इस बात की पुष्टि होती है कि "सेकुलरिज्म" का पाखंड करने वाली पार्टियाँ अपनी हार को जीत मे तब्दील करने के लिये किस हद तक  जा सकती हैं ! दूसरा यह कि EVM  मशीने चुनाव आयोग की सख्त निगरानी मे होती है ! संजय निरूपम के इस हास्यास्पद बयान से अभी किसी कांग्रेसी नेता ने अपने आप को अलग नही किया है-यह ना सिर्फ समूची कांग्रेस पार्टी बल्कि उनके तथाकथित "सेकुलरिज्म के ढोंगी" सहयोगियों की घोर हताशा और निराशा की ओर संकेत करता है !

देखा जाये तो भाजपा और मोदी की जीत एक सर्वमान्य लोकतांत्रिक व्यवस्था के हिसाब से हुई है और चुनाव आयोग की निगरानी मे हुई है ! उस जीत पर सवालिया निशान उठाने वाला आदमी कोई देशभक्त और राष्ट्रवादी तो हो नही सकता-ऐसे लोग किसी ना किसी विदेशी ताकत के हाथों मे ही खेल रहे हैं और कानून के हिसाब से बेहद कड़े दंड के अधिकारी हैं ! इन लोगों को दंड देकर जितनी जल्दी इन्हे अपने ठिकाने पहुँचाया जाये उतना ही देश के लिये अच्छा होगा !
======================================================================Published on 19/5/2014

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