केजरीलाल फेल- कांग्रेस ने शुरु किया सांप्रदायिकता का खेल !!

जब कांग्रेस ने देखा कि अपनी एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाबजूद भी केजरीलाल जी मोदी और भाजपा का रास्ता रोकने मे नाकाम साबित हो रहे हैं-तो उसके आला नेता एकदम हरकत मे आ गये-आखिर चुनावों के लिये समय ही कितना बचा है? 60 साल तक कांग्रेस और उसके "सेक्युलर" सहयोगी दलों ने दुष्प्रचार का सहारा लेकर ही तो सत्ता सुख का आनन्द लिया है !

मनमोहन और राहुल को तो जनता ने पहले ही पूरी तरह धिक्कार दिया था-लिहाज़ा अब बारी सोनिया गाँधी की थी सो उन्होने ही मोर्चा संभाल लिया-अब तक सोनिया जी को यह तो समझ मे आ चुका है क़ि उनके केजरीलाल जी भाजपा और मोदी का कुछ खास नही बिगाड़ पायेंगे-अब तो सोनिया जी को डर इस बात का सता रहा है कि केजरीलाल जी की नौटंकी का अब जनता के बीच मे उल्टा असर पड़ना शुरु हो गया है और उसका भाजपा को नुकसान कम और फायदा ज्यादा पहुंचने की संभावना है !


कांग्रेस को सत्ता मे रहने की खराब आदत आज़ादी के बाद से ही पड गयी थी- कैसे ना कैसे करके जनता को हर बार कोई ना क़ोई नया झुनझुना पकड़ा कर कांग्रेसी लोग जबरदस्ती सत्ता पर क़ाबिज़ होते आये हैं- पहली बार जब उन्हे लगा कि इस बार कोई झुनझुना जनता नही खरीदने वाली है तो उन्हे अपने केजरीलाल जी के अंदर "ट्रंप कार्ड" नज़र आ गया और उन्होने केजरीलाल जी को मोदी को रोकने की सुपारी दे डाली-लेकिन दोनो का दुर्भाग्य क़ि अपने केजरीलाल जी अपनी लाख कोशिशों के बाबजूद बुरी तरह फेल हो गये और सोनिया जी को अपना "साम्प्रदायिकता" का आखिरी दाव खेलने के लिये मजबूर होना पड़ा और वह दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम की चरण वन्दना करते हुये मुस्लिम वोटों को अपनी तरफ करने का जुगाड़ करने लगीं.

लेकिन जामा मस्जिद के इमाम से मिलना और मुस्लिमों को वोट बैंक समझते हुये उनका सौदा करना इतना आसान थोड़े ही है- इसके लिये और भी तो काम जरूरी है और वह सारे काम तो बड़े आसान हैं-दरअसल जगह जगह कुछ दुकानदारों और ठेकेदारों ने "स्टिंग ऑपरेशन" करने की छोटी बड़ी दुकाने खोल रखी हैं- इन दुकानो के मालिक अपने आपको "संपादक" या फिर "खोजी पत्रकार" कहकर महिमामंडित करते रहते हैं ताकि जो जनता इनकी ओछी हरकतों से अनजान है, वह इन्हे थोड़ा बहुत संम्मान देती रहे !


जब किसी राजनीतिक दल को जरूरत होती है, यह उसकी मर्ज़ी के हिसाब से झूठा सच्चा "स्टिंग ऑपरेशन" करके अपने आपको धन्य महसूस करते हैं ! अभी आज ही एक ऐसे ही दुकानदार महाराज का "बाबरी मस्जिद" पर "स्टिंग ऑपरेशन" आया है-बाबरी मस्जिद मे क्या हुआ और उसके लिये कौन लोग जिम्मेदार थे, वह सारा देश पहले से जानता है और उसमे कुछ भी ऐसा नया घटित नही हुआ है जिसके लिये अब कई दशकों के बाद उस स्टिंग ऑपरेशन को दिखाया जाये लेकिन सवाल यह है कि जो तहलका,गुलेल और कोब्ररापोस्ट नाम की दुकाने खुली है-उन्हे अपना धंधा भी तो चलाना और चमकाना है-कभी कभी यह लोग अपने धंधे को चमकाने मे इतने ज्यादा मशगूल हो जाते है कि सीधे जेल मे जाकर चक्की पीसनी शुरु कर देते है !

एक ऐसे ही दुकानदार आम आदमी पार्टी की टिकट पर लोकसभा मे जाने की कोशिश भी कर रहे है- वह लोकसभा पहुंचेंगे या फिर अपने अभिन्न साथी तेजपाल महाराज का साथ निभाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा !
==================================Published on 4/4/2014




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