मोदी के खिलाफ की जा रही साज़िश का पर्दाफाश !
दिल्ली मे केजरीवाल जी ने "मुफ्तखोरी" और "साम्प्रदायिकता" की बुनियाद पर सरकार बनाकर ना सिर्फ सभी मोदी विरोधियों का दिल जीत लिया है, वरन कुछ ऐसे लोगों के अंदर भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जगा दी है, जो अब तक अपने आप को राजनीति से अलग रखने की नौटंकी करते आये थे ! जिस तरह से तथाकथित समाजसेवी और किसानों के स्वघोषित हमदर्द अन्ना हज़ारे ने दिल्ली मे आकर भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ अपनी बेसुरी बीन बजानी शुरु की है और जिस तरह से उनके पुराने चेले चपाटे केजरीवाल और सिसोदिया उनकी इस बेसुरी बीन मे अपना राग मल्हार अलाप-अलाप कर जुगलबंदी कर रहे हैं-उससे एक बात तो तय है कि जिन लोगों को मोदी के खिलाफ कोई मुद्दा नही मिलता है वे परेशान होकर ऐसे मुद्दों पर मोदी और भाजपा का विरोध करना शुरु कर देते हैं जिनका देश और जनता के हित से दूर दूर तक कोई लेना देना नही होता !किसानों की जमीन उनकी सहमति से ली जानी है और देश के किसानो को भी पूरी आज़ादी है कि वे अपने फैसले खुद करें और देश के विकास मे अपना योगदान दें-लेकिन किसानों को हमेशा नीचा दिखाने वाले लोग शायद यह नही चाहते और वे अपनी पूरी ताकत के साथ भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध मे सड़कों पर लोट-लोट कर अपने किसान विरोधी,जन विरोधी और देश विरोधी होने का प्रमाण दे रहे हैं !
भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करने वाले वे ही लोग हैं, जो इस देश,जनता और किसानो के दुश्मन है और जो ये हर्गिज नही चाहते की यह देश विकास के रास्ते पर आगे बढे-दरअसल केन्द्र मे भाजपा की सरकार बनने के कुछ ही महीनों के अंदर भारत का जो गौरव पूरे विश्व मे बढ़ा है और जिसके चलते इन मोदी विरोधियों की अच्छी खासी किरकिरी हो चुकी है क्योंकि ये पाखंडी भारत को जो मुकाम पिछले 60 सालों के कुशासन मे नही दिला पाये, उसे मोदी के कुशल नेत्रत्व ने कुछ ही महीनों के अंदर कर दिखाया है ! मोदी और भाजपा को लगातार किसी ना किसी साज़िश का शिकार बनाकर और हर रोज कोई ना कोई बेमतलब का विवाद खड़ा करके यह लोग अपनी बौखलाहट का जो परिचय दे रहे हैं, उसे जनता देख रही है और जिस साजिश के तहत दिल्ली मे मोदी विरोधी सरकार बनाई गयी है उससे बे सब लोग पूरी तरह बेनकाब हो गये है जो अब तक भाजपा और आर एस एस को "साम्प्रदायिक" कहकर अपनी मूर्खता का बेहूदा प्रदर्शन कर रहे थे !
चाणक्य ने एक जगह लिखा है-"जिस राज्य की जनता लोभी और लालची होती है-वहां ठग शासन करते हैं !" आज तक चाणक्य की लिखी या कही गयी कोई भी बात गलत साबित नही हुई है- दिल्ली की जनता के जिस वर्ग ने "मुफ्तखोरी" के लालच मे अपने लिये सरकार चुनी है और जिस खास वर्ग ने" बुखारी के फतवे "के चलते अपने "साम्प्रदायिक" होने का एक बार फिर सुबूत दिया है-उन्होने कुछ हासिल किया हो या नही-मोदी और भाजपा पर हमला करने का मौका जरूर पा लिया है ! मोदी को हराने की इस साज़िश मे नुकसान मोदी का होगा या इन लोगों का यह तो आने वाला समय ही बतायेगा !
पिछले 60 सालों मे जब बहुसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन करके उन्हे मुस्लिम या ईसाई धर्म कबूल करने के लिये मजबूर किया जा रहा था-तब अपने आप को "सेक्युलर" बताने वाले पाखंडी तालियाँ बजा बजाकर ठहाके लगा रहे थे- अब अगर वही लोग अपने मूल धर्म मे अपनी मर्ज़ी से वापस आ रहे है तो इन पाखंडियों ने अपनी छाती पीट पीटकर विधवा विलाप शुरु कर दिया है और बता यह रहे है कि इसी "घर वापसी" के चलते भाजपा दिल्ली मे चुनाव हार गयी जैसे कि लोग इनकी झूठी कहानी पर यकीन करके चुनावों मे की गयी साज़िश से अनजान बने रहेंगे !
हैरानी की बात यह है कि मंदिर मे चोरी की वारदात हो जाये तो वह मामूली घटना है जिसका मीडिया मे कहीं जिक्र भी नही आता है और गलती से किसी चर्च,मस्जिद या अन्य किसी अल्पसख्यक धर्म स्थल पर चोरी हो जाये तो वह चोरी की घटना यकायक "साम्प्रदायिक हमला" बन जाती है और उस पर मोदी जी का बयान आना इतना जरूरी हो जाता है कि उसके बिना हमारे "सेकुलरिज्म का पाखंड" करने वालों का खाना ही हजम नही होता है !
Published on 26/2/2015
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