मोदी सरकार की कामयाबी से बौखलाया विपक्ष !!!

मोदी सरकार को सफलतापूर्वक काम करते हुये लगभग एक साल पूरा होने जा रहा है-वाजपेयी सरकार के पिछले कार्यकाल को अगर अपवाद मान लें तो स्वतंत्र भारत के इतिहास मे संभवत् यह पहली बार हुआ है जब कोई सरकार बिना किसी घोटाले के अपना पहला साल पूरा कर रही है !लोकसभा चुनावों और उसके बाद विभिन्न राज्यों मे हुये चुनावों मे जनता के हाथों करारी शिकस्त पाया विपक्ष  बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है और उसकी यह तिलमिलाहट इस बात से और भी अधिक बढ़ती जा रही है कि उसे केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ कोई असली मुददा ही नही मिल रहा है ! अपनी घोर हताशा के चलते विपक्ष ने पिछले एक साल मे जो मुददे सड़क से लेकर संसद तक उठाये हैं, उन पर अगर एक नज़र डाली जाये तो यह बात साबित हो जायेगी कि मोदी सरकार इस हद तक सफल रही कि उसने विपक्ष के हाथ मे एक भी जनहित का असली मुददा नही सौंपा ! आइए देखते हैं, हमारे तथाकथित विपक्ष ने कौन से मुददे उठाकर एक हारे हुये खिलाड़ी की भूमिका निभाई है :

1. पिछले 60 सालों से मोदी,भाजपा और संघ के खिलाफ जो दुष्प्रचार विपक्ष ने चालू कर रखा था और जिसके दंड के तौर पर जनता ने इनका सफाया किया था, अपनी आदत से मजबूर विपक्ष पिछले एक साल मे भी अपनी इस लत पर काबू नही रख सका और उसने कभी "घर वापसी" के बहाने,कभी "लव जिहाद" के बहाने और कभी धार्मिक स्थलों पर किये जा रहे हमलों को साम्प्रदायिक रंग देते हुये उसके लिये मोदी सरकार को दोषी ठहराने की नाकाम कोशिश की ! 

2. कभी विपक्ष "रामजादे-आरामजादे" मे उलझ गया कभी वह स्मृति ईरानी पर वेवजह हमले करता दिखा  लेकिन इसमे जनहित और देशहित क्या था-इसका उसे भी पता नही था ! इसी बीच हर देशवासी के खाते मे 15 लाख रुपये जमा करवाने वाला दुष्प्रचार भी चलाया गया लेकिन कोई भी विपक्षी नेता आज तक यह सुबूत पेश नही कर सका कि मोदी ने सबके बैंक खातों मे 15 लाख रुपये जमा कराने की बात कही थी !

3.देश के प्रधान मंत्री विदेश क्यों जा रहे हैं, वहा जाकर जमीनी हकीकत क्यों बयान कर रहे हैं और वह अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने के लिये सूट और बूट क्यों पहन रहे हैं-यह मुददा भी विपक्ष ने जोर शोर से उठाया !इस मामले को विपक्ष ने इतना अधिक "राष्ट्र हित" का मामला समझ लिया कि इनके एक नेता ने यह हास्यास्पद बयान दे डाला कि मोदी सरकार "सूट-बूट" की सरकार है मानो पिछले 60 सालों से देश के सारे प्रधान मंत्री धोती कुर्ता और चप्पल पहनकर घूम रहे थे ! यह दुष्प्रचार तो किया गया कि वह सूट दस लाख का है लेकिन कोई भी विपक्षी नेता आज तक इस बात का सुबूत पेश करने मे पूरी तरह नाकाम रहा है !

4.काले धन पर मोदी सरकार ने जिस तरह की चौकसी दिखाई उसकी घबराहट समूचे विपक्ष मे साफ देखी जा सकती है-काले धन के खिलाफ अभियान चलाने के लिये स्वामी रामदेव तो पहले ही विपक्ष के निशाने पर थे और सन 2011 मे ही रामलीला मैदान मे रामदेव पर रात के अंधेरे मे जानलेवा हमला भी करवाया गया था ! रामदेव के काले धन के खिलाफ शुरु किये गये अभियान को मोदी सरकार ने जिस मुस्तैदी के साथ आगे बढ़ाया उससे बौखलाये विपक्षी नेता अपना बचा खुचा मानसिक संतुलन भी खो बैठे और उन्होने जाने अनजाने रामदेव की एक बेहद लोकप्रिय और जनोपयोगी औषधि "पुत्रजीवक" के नाम को लेकर ही ऐसा विवाद खड़ा कर दिया जिससे समूचे विपक्ष की जबरदस्त जगहँसाई हो रही है ! देश के संशाधनो की जबरदस्त बंदरबाँट से पिछले 60 सालों मे जो काला धन इकट्ठा किया गया है, उसके छिन जाने का जो डर और बौखलाहट है, उसे रामदेव पर किये जाने वाले हमलों से बखूबी समझा जा सकता है !

5.भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर् भी विपक्ष ने अपनी स्थिति एकदम हास्यास्पद सी बना ली है-विपक्ष को यह डर है कि यह कानून पास हो गया तो देश एक बार फिर विकास और प्रगति के रास्ते पर चल पड़ेगा जिसमे पिछली सरकारें अपने 60 साल के कुशासन मे पूरी तरह नाकाम रहीं -इसलिये वह इस कानून को किसी भी कीमत पर रोकना चाहता है ताकि मोदी सरकार को देश को प्रगति और विकास के मार्ग पर ले जाने के श्रेय ना मिल जाये और लोग यह ना पूछना शुरु कर दें कि जो काम मोदी ने एक साल मे कर दिखाया उसी काम को तुम लोग 60 सालों मे क्यों नही कर पाये ? पिछले एक साल से विपक्ष ने राज्यसभा मे जो गैर जरूरी हंगामा मचा रखा है, वह भी इसी साज़िश का हिस्सा है और विपक्ष की यह पूरी कोशिश है कि मोदी सरकार जनहित और देशहित मे कोई कानून पास करने मे कामयाब न हो जाएं !

6. भूमि अधिग्रहण कानून की खिलाफत के पीछे विपक्षी दलों का एक और भी डर है-ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने भारी मात्रा मे कृषि योग्य भूमि हथिया रखी है और खुद को किसान घोषित कर रखा है ताकि खेती की आमदनी दिखा दिखाकर इनकम टैक्स देने से बचा जा सके-जैसे कि अभी तक बचते आये हैं-कानून पास हुआ तो सबसे पहले इन लोगों की जमीन खतरे मे पड़ने वाली है और उसके साथ ही बिना इनकम टैक्स दिये जो यह खेती से होने वाली आमदनी दिखाते आये हैं उस पर भी रोक लग जायेगी-लिहाज़ा इन्हे किसानो की फिक्र कम,अपनी ज्यादा नज़र आ रही है-मोदी सरकार इनके मनसूबों को खूब समझती है और इस तरह की सभी जनविरोधी और किसान विरोधी कारगुजारियों पर रोक लगाने का मन बना चुकी है ! इन लोगों की इन्ही गलत नीतियों के चलते पिछले 60 सालों मे लाखो किसानो ने आत्महत्याएं कीं और इनकी इस नौटंकी के चलते एक किसान तो दिल्ली के जन्‍तर मन्‍तर पर बेमौत मारा गया !
-rajeevg@hotmail.com
Published on 6/5/2015

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