अंधेर नगरी-अखिलेश राजा

उत्तर प्रदेश मे जबसे अखिलेश-मुलायम का जंगल राज और गुंडा राज स्थापित हुआ है, सभी सरकारी विभागों मे चुन चुनकर जातिगत आधार पर लोगों की नियुक्तियाँ की गयी है-यह इसलिये किया गया है ताकि जंगल राज और गुंडा राज का यह सर्कस प़ूरे प्रदेश मे सफलतापूर्वक चलता रहे ! बदायूँ मे घटित हुये सामूहिक बलात्कार और निर्मम हत्या के सभी दोषी अगर एक तथाकथित दलित/पिछड़ी जाति से ही हैं, तो उसमे किसी को भी कोई हैरानी नही होनी चाहिये ! 

हमारे तथाकथित राजनीतिक नेता, समाजसेवी और बुद्धिजीवी इस बात को तो बढ़ा चढाकर प्रचरित कर रहे है कि "दलितों" के साथ बलात्कार की घटनाये हो रही है और वह बंद होनी चाहिये-लेकिन उनका ध्यान इस तरफ नही है कि दलितों के साथ "सामूहिक बलात्कार और हत्या" करने वाला कौन है ? क्या उत्तर प्रदेश मे दैनिक रूप से की जाने वाली सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटनाये सवर्ण जाति के लोग कर रहे है ? यहाँ यह भी बात ध्यान देने वाली है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को हम लोग "दलित और सवर्ण" का मुददा बनाने पर तुले हुये है-जबकि होना यह चाहिये कि इस दुष्कर्म मे शामिल नरपिशाच चाहें किसी भी धर्म, जाति या सम्प्रदाय से हो, उसे तुरंत ही ऐसा दंड दिया जाना चाहिये, जो बाकी के अपराधियों के मन मे खौफ पैदा कर सके !उत्तर प्रदेश की सत्ता पर जो अपराधी क़ाबिज़ हो गये है, जब तक उन्हे दंडित नही किया जायेगा-हर रोज होने वाले सामूहिक बलात्कार और हत्याएं नही रुक सकते !

जिस तरह निर्भया बलात्कार और हत्याकाण्ड मे आज तक किसी भी अपराधी को सज़ा नही हो पायी है और जिस तरह से बलात्कार को प्रोत्साहन देने वाले नेता उत्तर प्रदेश की सत्ता पर क़ाबिज़ हो गये है-उसे देखकर ही बलात्कारियों के हौसले बुलंद हो चले है और नतीज़ा यह है कि उत्तर प्रदेश मे धडाधड हर रोज सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटनाएं हो रही है और क्योंकि यह सब प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन का ही नतीज़ा है, प्रदेश सरकार ना तो इसे रोकना चाहती है और ना ही रोक सकती है ! कुल मिलाकर हालात ऐसे हो चले है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था से प्रदेश सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से हट चुका है और प्रदेश मे संभवत्: राष्ट्रपति शासन लगाने, सरकार के रूप मे चल रहे "सर्कस" को तुरंत बंद करने और इस सर्कस के कलाकारों को तिहाड़ जेल तक पहुंचाने के अलावा और कोई विकल्प आज की तारीख मे केन्द्र सरकार के पास नही बचा है !

अपने आकाओं के इशारे पर प्रदेश के डी जी पी ए एल बनर्जी ने तो अब यह कहानी भी गढनी शुरु कर दी है कि बदायूँ मे जिन लड़कियों की हत्या और रेप हुआ है उसमे उन लड़कियों के परिवार वालों का भी हाथ हो सकता है और इस तरह से नरपिशाच अपराधियों को ब़चाने की कवायद अखिलेश सरकार की तरफ से बाकायदा शुरु हो गयी है !गौरतलब बात यह है कि अभी भी दो बलात्कारी पकड़े नही गये हैं और मीडिया के दबाब मे जो पकड़े भी गये हैं, उन्हे भी छोड़ने की भूमिका बनाई जा रही है ! जैसे ही मीडिया का ध्यान बदायूँ से हटेगा, अपराधियों को छोड़ दिया जायेगा और पीड़ित लड़कियों के घरवालों को ही अपराधी घोषित करके उन्हे दंडित किया जायेगा !


इस सारे मामले मे सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि हमारे वामपंथी और तीसरे मोर्चे नेता तो हमेशा ही इस अपराधियों की पार्टी के साथ मिलकर थर्ड फ्रंट की सरकार बनाने के सपने देखते रहते है-उनकी जबान पथरा गयी है और अभी तक किसी वामपंथी ने प्रदेश की सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगने की बात तो दूर, लगातार हो रही सामूहिक बलात्कार की घटनाओं की अभी तक निन्दा भी नही की है !
हैरानी की बात यह है कि इन बढते अपराधों के लिये जिम्मेदार सपा की सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिये प्रदेश के IAS और IPS अधिकारियों के वेवजह तबादले करके लोगों को गुमराह करना चाहती है-सरकार को तुरंत अपना इस्तीफा देकर दुबारा चुनाव की सिफारिश करनी चाहिये क्योंकि यह जनता का जनादेश पूरी तरह खो चुकी है और प्रदेश को चलाने मे पूरी तरह नाकाम रही है !
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 Published on 7/6/2014

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