"आप" के केजरीवाल हुये बेनकाब !!!

केजरीवाल और उनकी तथाकथित राजनीतिक पार्टी आजकल अपने दुष्कर्मों को लेकर काफी चर्चा मे है ! अपने राजनीतिक विरोधियों और संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार बेबुनियाद आरोप लगाने के लिये कुख्यात इस पार्टी के नेता और कुछ गिने चुने अंध-भक्त अपने ही नेताओं की अंज़ाम दी हुई शर्मनाक वारदातों से खुद ही बैकफुट पर आ गये हैं और दिल्ली की जनता को गुमराह करने का कोई भी मौका खोना नही चाहते हैं ! ज्यादातर दुष्कर्मों मे यह पार्टी रंगे हाथों पकड़ी ज़ा रही है और पकड़े जाने पर एक ही जबाब दे रही है कि ऐसा दुष्कर्म करने वाले हम पहले आदमी थोड़े ही है-और सभी पार्टिया और नेता भी तो किसी ना किसी रूप मे इन्ही दुष्कर्मों मे लिप्त है ! यह जबाब देते समय इनकी पार्टी के नेता और खासकर अंध भक्त यह भूल जाते हैं कि सिर्फ यही पार्टी इस बात का ढिंढोरा पीटती घूम रही है कि इन्हे छोड़कर बाकी सभी बेईमान है और यह लोग बाकी लोगोंसे बिल्कुल अलग है और उन्हे  राजनीति सिखाने आये है -कोई और पार्टी ऐसा खोखला दावा नही कर रही है ! यह तो वही बात हो गयी कि जब तक पकड़े नही जाओ तब तक ईमानदारी का झुनझुना बजाते रहो और जब रंगे हाथों पकड़ लिये जाओ तो यह कह दो कि बाकी की पार्टियाँ कौन सी पाक साफ हैं- यानी चित भी मेरी और पट भी मेरी ! केजरीवाल, उनके तथाकथित सहयोगी और अंध भक्त हमेशा से ही अपने दोनो हाथों मे लड्डू रखने के शौकीन हैं और उनके हालिया दुष्कर्मों से यह साबित हो गया है कि जैसे ही यह लोग सत्ता मे आयेंगे-दुष्कर्मों का ऐसा रेकॉर्ड बनायेंगे कि बाकी की सभी राजनीतिक पार्टियाँ इनसे पिछड़ती नजर आयेंगी !

1.केजरीवाल जी की स्वघोषित ईमानदार पार्टी जब फर्ज़ी कम्पनियों से करोड़ों का चंदा लेते हुये रंगे हाथों पकड़ी गयी तो उनके संरक्षक की भूमिका मे वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह तुरंत ही उनके इस दुष्कर्म की वकालत करते हुये इसे भाजपा की साज़िश बताने लगे-कांग्रेस और "आप" की यह मिलीभगत हालांकि किसी से छिपी हुई नही है-कांग्रेस ने ऐसी ही मिलीभगत उत्तर प्रदेश मे सपा और बसपा से, बिहार मे लल्लू यादव की राजद से और पश्चिम बंगाल मे तृणमूल कांग्रेस से पहले से ही कर रखी है और इन तीनो ही जगह का जंगल राज देखते ही सारा माज़रा समझ मे आ जाता है ! इसी जंगल राज की दिल्ली मे भी सफलता पूर्वक स्थापना के लिये कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगाकर इस स्वघोषित ईमानदार पार्टी के समर्थन मे ना चाहते हुये भी उतर आई है !

2.ईमानदार पार्टी सिर्फ इसी दुष्कर्म पर नही रुकी आखिर उसे भी और सभी पार्टियों की तरह ही नही, बल्कि उनसे भी आगे निकलने की जल्दी मची हुई है सो उसने भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये मुफ्त मे बांटने के लिये शराब का भी इंतज़ाम कर लिया जिसे चुनाव आयोग के छापे मे पकड लिया गया -इन ईमानदारों और उनके अंध भक्तों ने पूरी कोशिस की कि इसे भी भाजपा की साज़िश बताकर दिल्ली की जनता को एक बार फिर गुमराह किया जाये लेकिन पुलिस की छानबीन आरोपों से नही सबूतों पर आधारित होती है जिसमे यह पाया गया कि शराब की बोतलें जिस गोदाम मे रखी हुई थी वह इस ईमानदार पार्टी के उम्मीदवार के रिश्तेदार का ही था !

3.दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिये  चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुये ईमानदार पार्टी के मुखिया ने यहाँ तक कह दिया कि दिल्ली मे EVM मे  गड़बड़ी की गयी है-हालांकि और सभी आरोपों की तरह सबूत इस आरोप का भी नही है लेकिन क्या फर्क पड़ता है-अंधेरे मे तीर चला दिया-हारने के बाद यह तो कह सकेंगे कि EVM मे गड़बड़ी के चलते हमारी करारी शिकस्त हो गयी है ! सभी राजनीतिक पार्टियाँ चुनाव से पहले सभी तरह के विवादास्पद कार्य करती है लेकिन राजनीति मे किस हद तक गिरा जा सकता है-इसे अगर देखना है तो कोई इस "ईमानदार पार्टी" से सीखे ! इस पार्टी ,इसके नेताओं और अंध भक्तों की कारगुजारियाँ देखकर तो यही कहा जा सकता कि-"सबसे आगे केजरीवाल !" यही बात इनके अंध भक्तों को भी पसंद है कि ये लोग कितने भी दुष्कर्म कर लें लेकिन यह सबसे आगे रहने चाहिये और साम दाम दंड भेद दिल्ली की कुर्सी इन्हे ही मिलनी चाहिये !



अभी हाल ही मे जनता को गुमराह करने के लिये एक बिल्कुल नया शगूफा छोड़ा गया है जो इन सभी दुष्कर्मों पर भारी पड रहा है उसमे इनके अंध भक्त और समर्थक इस बात का दावा कर रहे है कि इस ईमानदार पार्टी की दिल्ली मे दो तिहाई बहुमत से सरकार बनने जा रही है -उम्मीद यही की जानी चाहिये कि बाकी के झूठे शगूफों की तरह यह भी फुस्स हो जायेगा और दिल्ली की जनता चैन की सांस ले सकेगी !
Published on 4/2/2015

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