उपचुनावों मे मिली हार मोदी सरकार के लिये चेतावनी है ?
हाल ही मे हुये उपचुनावों ने भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है ! उससे पहले बिहार मे हुये उपचुनावों मे भी कमोबेश यही हालात थे ! मई 2014 मे पूर्ण बहुमत के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज़ करने के बाद भाजपा की जो हालत हुई है, उसके लिये राजनीतिक विश्लेषक अलग अलग कारण बता रहे हैं ! जिन लोगों को जीत हासिल हो गयी है, उनकी हालत बिल्कुल उसी तरह है मानो क्लास मे कोई नालायक छात्र गलती से पास हो गया हो-जिसकी उसे उम्मीद नही हो और सिर्फ इसीलिये वह खुशी से फूला नही समा रहा हो !
लगभग सभी मोर्चों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाबजूद उपचुनावों मे भाजपा का प्रदर्शन अगर निराशाजनक रहा है तो उसका मुख्य कारण यह भी रहा है कि पी एम मोदी जी ने "सबका साथ सबका विकास" के नारे पर काम करते हुये उन लोगों का भी "साथ" और "विकास" कर डाला जो इसके हकदार नही थे ! जैसा कि सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल मे जंगल राज और गुन्डाराज काफी अर्से से कायम है और सिर्फ इन राज्यों की जनता ही नही बल्कि प़ूरे देश की जनता इन दोनो राज्यों मे व्याप्त गुंडागर्दी से त्रस्त है ! आये दिनो यहाँ हत्या,बलात्कार और गुंडागर्दी की घटनाएं होती रहती हैं ! बलात्कार करके पीड़ितों की लाशें पेड़ों पर लटका दी जाती हैं ! महिलाओं को थूक चाटने पर विवश किया जाता है और ना चाटने पर पंचायत रेप का हुक्म सुना देती है ! इस तरह की घटनाएं बार बार हो रही है और घटना के अपराधियों को राज्य सरकार का संरक्षण मिला हुआ है ! अपराधियों के बचाव मे इन दोनो प्रदेशों की पुलिस हर समय उनके साथ खड़ी दिखाई देती है ! कुख्यात बदायूँ बलात्कार काण्ड के सभी आरोपियों को राज्य सरकार ने पहले ही बरी कर दिया है और वे सभी नरपिशाच खुले घूम रहे हैं-बाकी सभी अपराधियों का भी कमोबेश यही हाल है और कुल मिलाकर अगर यह कहा जाये कि इन दोनो राज्यों मे कानून व्यवस्था पूरी तरह से भंग हो चुकी है और राष्ट्रपति शासन बहुत पहले ही लग जाना चाहिये था, तो उसमे कोई अतिशयोक्ति नही होगी !
इन दोनो राज्यों मे जो गुन्डाराज फैला हुआ है, उसके मद्दे नजर काफी समय से इन दोनो राज्यों मे राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग जोर पकड रही है ! बसपा अध्यक्ष मायावती भी कई बार प्रदेश मे राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुकी है ! जब तक कांग्रेस की सरकार केन्द्र मे थी, उससे तो यह उम्मीद नही की जा सकती थी कि वह इन दोनो प्रदेशों मे राष्ट्रपति शासन लगाकर लोगों को राहत पहुँचाएगी क्योंकि वह सरकार तो खुद ही अल्पमत की थी और समय समय पर समर्थन के लिये इन दोनो का मुंह ताकती रहती थी ! मोदी जी के नेत्रत्व मे भाजपा को लोगों ने इसीलिये स्पष्ट जनादेश दिया था कि वह इन दोनो प्रदेशों मे व्याप्त जंगल राज से लोगों को जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएंगे लेकिन इन दोनो प्रदेशों मे अभी तक राष्ट्रपति शासन लगना तो दूर, उस दिशा मे किसी तरह की पहल भी नही की गयी है !
कुछ ही समय बाद हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभाओं के चुनाव होने हैं-अगर समय रहते भाजपा सरकार ने सख्त कदम नही उठाया तो उपचुनावो मे जनता ने जिस नाराज़गी का इज़हार किया है, वह और अधिक बढ़कर सामने आ सकती है और भाजपा को और अधिक नुकसान उठाना पड सकता है ! सीधी सी बात है कि भाजपा सरकार विकास और सुशासन के मुद्दे पर सत्ता मे आई है और देश के दो अहम राज्यों उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल मे अगर जबरदस्त कुशासन,जंगल राज और गुंडा राज फैला रहेगा तो उसकी जिम्मेदारी केन्द्र मे बैठी भाजपा सरकार की मानी जायेगी ! मीडिया का भी यही मानना है क्योंकि अगर उत्तर प्रदेश मे बार बार प्रदेश सरकार दंगे प्रायोजित कराकर माहौल खराब कर रही है तो ना सिर्फ मीडिया बल्कि खुद राज्य सरकार भी सारा का सारा दोष भाजपा के सर ही मढ रही है !
उप चुनावों मे मिली हार को मोदी सरकार को हल्के मे नही लेना चाहिये और उसके जो कारण हैं, उन्हे दूर करने की दिशा मे तुरंत कदम उठाने चाहिये !
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Published on 18/9/2014
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