मीडिया अटेंशन पाने के लिये किये ज़ा रहे हैं मोदी पर हमले ?

कुछ समय पहले मैने एक ब्लॉग लिखा था कि-"क्या मोदी टिक पायेंगे केजरीवाल के सामने ?"  केजरीवाल जी ने लगता है मेरे उस लेख को काफी गंभीरता से ले लिया है और उस दिन के बाद से वह लगातार कुछ ना कुछ ऐसा कारनामा अंज़ाम देने की फ़िराक़ मे रहते है कि जो भी हो, मुझे जैसे तैसे करके एक बार प्रधान मंत्री जरूर बनना है-उसके बाद वह सरकार 49 दिनो तक चले , 49 घंटों तक  चले या फिर 49 मिनट चलकर ही अपना दम तोड दे-इससे मेरा कोई सरोकार नही है क्योंकि देश मे चुनाव आयोग खाली बैठा हुआ है सो दुबारा चुनाव हो जायेंगे और दुबारा चुनाव होने पर जो खर्चा होगा वह कौन सा मेरी जेब से जा रहा है- जिन लोगों को बरगला बरगलाकर मैं वोट बटोरने की नाकाम कोशिश मे लगा हूँ, इन्ही के दिये गये टॅक्स के पैसे से मध्यावधि चुनाव भी लड लिये जायेंगे- हमारा तो शुरु से ही यही कहना रहा है कि हम सब "मरे पिटे कुचले हुये आम-आदमी" हैं और हमारे पास खोने के लिये कुछ भी नही है- अगर कोई खोयेगा तो जनता खोयेगी-हम लोग दरअसल उसूलों के बहुत ज्यादा पक्के हैं और एक ही उसूल पर चल रहे है -"अपना काम बनता -भाड मे जाये जनता !"

जनता को तो और राजनीतिक पार्टियाँ भी पिछले 65 सालों से बरगला ही रही हैं- थोड़ा केजरीवाल जी भी बरगला लेंगे तो किसी का क्या बिगड़ जायेगा- अगर केजरीवाल जी देशद्रोहियों,माओवादियों,आतंकवादियों और अलगाववादियों की मदद से दो चार घंटे के लिये भी प्रधान मंत्री बन सके और टिक कर एक आध काम भी निपटाने का नाटक कर सके, तो कम से कम वह इस स्थिति मे तो होंगे कि अपने घर के आगे-"पूर्व प्रधान मंत्री" की तख्ती टांग सकें ! भाजपा को छोड़कर बाकी सभी दलों मे अपनी स्वीकार्यता बढ़वाने की गरज से केजरीवाल जी ने  "भ्रष्टाचार" के मुद्दे को भी पीछे कर दिया और यह वक्तव्य देकर सर्वसाधारण मे हर्ष की लहर पहुँचा दी कि "सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार नही है, सबसे बड़ा मुद्दा तो "साम्प्रदायिकता" है ! " ठीक भी है, केजरीवाल जी ने पूरी ईमानदारी के साथ यह स्वीकार कर लिया कि उनका राजनीतिक विरोधी सिर्फ और सिर्फ एक है-"मोदी और भाजपा " -बाकी सभी लोग जो पिछले 65 सालों से देश को लूट रहे है-वे सब तो उनके लंगोटिया यार हैं !

यह मामूली सी बात शायद लोग समझ नही पा रहे है और वेवजह केजरीवाल का विरोध किये जा रहे है- चौधरी चरण सिंह,चंद्रशेखर,देव गौड़ा आदि कितने ही महान लोग इसी "शॉर्ट कट" के जरिये प्रधानमंत्री बन कर इस देश और उसकी जनता को धन्य कर चुके है-अगर आदरणीय केजरीवाल जी ने भी कुछ ऐसा ही सोच रखा है, तो उस पर भाजपा या फिर मोदी को ऐतराज क्यों है ? लालू,नीतीश,माया,ममता,मुलायम,राहुल,सोनिया और अपने वामपंथी भाईओं को भी केजरीवाल के इस दिवास्वप्न पर कोई ऐतराज नही है-शायद अब उमर अब्दुल्ला,फ़ारूक़ अब्दुल्ला और पाकिस्तान को भी ना हो क्योंकि अब तो केजरीवाल जी ने "सेकुलरिज्म" मे पी एच डी करके उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी मे "पाकिस्तान ज़िंदाबाद" के नारे लगाने वाले 67 देशद्रोहियों के खुलकर समर्थन मे आकर अपने लिये भारत के साथ साथ पाकिस्तान मे भी  पी एम की जगह पक्की कर ली है !

पाकिस्तान मे तो वैसे भी अस्थिर सरकारों का ही माहौल रहता है, वहा अपने केजरीवाल जी का स्टाइल एक दम हिट हो जायेगा- जब तक मन मे आये काम करो, जब कुछ ना हो सके तो सारा ठीकरा भाजपा के ऊपर फोड़कर, जनता के खर्चे पर अगले चुनाव की तैयारी मे लग जाओ ! वैसे केजरीवाल जी की तो इसमे कोई गलती नही है-वे तो एकदम सही जा रहे है और ऐसे ही चलते रहे तो वे एक ना एक दिन भारत के नही तो किसी दुश्मन देश के प्रधानमंत्री जरूर बन जायेंगे और अपने साथ अपने देशद्रोही,अलगाववादी,माओवादी और आतंकवादी समर्थकों को भी  वहीं ले जायेंगे! हाल ही मे पाकिस्तान मे आम आदमी पार्टी की स्थापना शायद इसी मद्देनज़र की गयी है !

केजरीवाल जी के एक पुराने साथी और पार्टी के सह-संस्थापक आश्विनी उपाध्याय जी ने केजरीवाल के ही स्टाइल मे उन्हे 20 सवालों का पन्ना पकड़ा दिया है-उसमे मुख्य रूप से सवाल यह किये गये है कि आदरणीय केजरीवाल जी, कांग्रेस पार्टी और उसके करप्शन के खिलाफ आपकी जबान पथरा क्यों जाती है -और यह नक्सलियों,माओवादियों,देशद्रोहियों और आतंकवादियों को लोकसभा के टिकट बांटकर क्या साबित करना चाहते हो ? अपने इस जीवन मे केजरीवाल या फिर उनके कोई समर्थक इन सवालों का जबाब दे पायेंगे, इसकी संभावना तो लगभग ना के बराबर है क्योंकि खुद केजरीवाल और इनके सारे समर्थकों ने आम आदमी पार्टी को मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार की मशीन बना लिया है !

केजरीवाल के चेहरे पर उडती हुई हवाइयां और दिलचस्प बौखलाहट का सिर्फ एक ही कारण नज़र आता है कि पूरे देश मे मोदी से ज्यादा लोकप्रिय व्यक्ति इस समय कोई है नही और केजरीवाल जी को तो प़ूरे देश की जनता तभी जान पायेगी जब वे मोदी नाम की 24 घंटे माला का जाप करते रहेंगे !मोदी नाम की माला जपने से ही 24 घंटे का गारंटीड मीडिया अटेंशन मिल सकता है ! मोदी को टारगेट करने की नीयत से कुछ स्टिंग भी "मीडिया सैटिंग" के जरिये बनबाये जा रहे है, लेकिन यहाँ भी हड़बड़ी इन्हे खुद को ही ले डूबी-उस हड़बड़ी मे एक स्टिंग अपना भी बन गया और इससे पहले कि मोदी के फर्ज़ी स्टिंग आते, इनका अपना असली स्टिंग जनता के सामने आ गया ! जल्द काम शैतान का होता है, यह तो हमने सुना भर था-अब देख भी लिया !

लगता है डर से थर थर कांप रहे केजरीवाल जी को मोदी नाम की अनवरत माला जपनी पड़ेगी-पर यह बात तो उनके समर्थकों को कुछ हज़म होगी नही-लिहाज़ा इनके अंध समर्थकों की आत्मा की शान्ती के लिये यही लिखना पड़ेगा कि मोदी केजरीवाल से डर गये हैं और मीडिया का अटेंशन पाने के लिये वेवजह ही केजरीवाल जी को टारगेट कर रहे हैं.
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rajeevg@hotmail.com
Published on 13/3/2014

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