काले धन पर पी एम मोदी की "सर्जिकल स्ट्राइक"

500 और 1000 के नोटों का विमुद्रीकरण करते हुये पी एम मोदी ने अपनी सरकार का अब तक का सबसे अधिक साहसी कदम उठाते हुये  काले धन के खिलाफ एक ऐसा प्रहार किया है, जिसके वार से जहाँ एक ओर ईमानदारी से पैसा कमाने वाली जनता खुशी से फूली नही समा रही है,वहीं उन लोगों के चेहरे पर मातम छाया हुआ है, जिन्होने जनता को लूट लूट कर काले धन को अपनी तिजोरियों मे इकट्ठा किया हुआ था. काले धन के खिलाफ छेड़े गये इस युद्ध की मार किस पर सबसे ज्यादा पड़ी है, आइए उन लोगों के बारे मे विचार करते हैं :

1. पाकिस्तान की सरकार खुद 500 रुपये और 1000 रुपये के नकली नोट छाप-छापकर उन्हे आतंकवादियों के मार्फत हमारे देश मे भेज रही थी और पाकिस्तान का सारा का सारा आतंकवादी तामझाम इन्ही नकली नोटों के गोरखधंदे पर चल रहा था. पाकिस्तान सरकार को और उसकी आतंकवादी गतिविधियों को इससे बहुत बड़ा झटका लगा है.

2. जिन राजनेताओं ने पिछले 70 सालों मे जनता को लूट लूटकर प्रचुर मात्रा मे काला धन इकट्ठा किया हुआ था, उनकी हालत सिर्फ देखने लायक है- जिन लोगों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की "सर्जिकल स्ट्राइक" पर भी सवाल उठा दिये थे, फिलहाल तो वे लोग भी इस बार् की "सर्जिकल स्ट्राइक" पर चुप्पी साधे हुये है और अभी तक कोई बहुत बड़ा हो-हल्ला नही किया है.

3. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी पिछले 60-70 सालों मे काफी मात्रा मे जनता को प्रताडित कर करके रिश्वत के माध्यम से काला धन इकट्ठा किया हुआ था, यह सब लोग भी रातों-रात सड़क पर आ गये हैं और अपने दुष्कर्मों का जीते जी फल भुगतने के लिये तैयार हो रहे हैं.

4. काले धन पर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक की मार उन व्यापारियों पर भी पड़ी है, जिनका धंधा ही काले धन पर टिका हुआ था. मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक आज लगभग 1600 अंक नीचे खुला, यह इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि काले धन का हमारी अर्थव्यवस्था पर कितना गहरा प्रभाव है. जिन व्यापारियों और उद्योगपतियों ने काले धन को इकट्ठा किया हुआ था, निश्चित रूप से , उन सब के लिये भी यह संकट की घड़ी है.

आम आदमी और मध्यम वर्ग जो अब तक काले धन की कमाई करने वालों से त्रस्त रहता था, उसे सबसे अधिक खुशी हुई है क्योंकि आज जाकर उसे यह मालूम पड़ा है कि ईमानदारी से धन कमाने का सुख क्या होता है. ऐसा भी नही है कि यह सब कुछ अचानक हो गया है. जब 30 सितंबर 2016 को काले धन को घोषित करने की स्कीम बंद हुई थी, उसके तुरंत बाद सरकार की तरफ से यह वक्तव्य आया था कि जिन लोगों ने अपना काला धन इस स्कीम मे भी घोषित नही किया है, आने वाले दिनो मे उन्हे चैन से सोने नही दिया जायेगा. कल 8 नवंबर 2016 की रात तो काफी ऐसे लोग नही सो पाये होंगे. आगे और कितनी रातें इनकी बिना सोये कटेंगी, यह देखने वाली बात है.

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