मोदी काम करते रहे-केजरीलाल आराम करते रहे
केजरीवाल जी ने दिल्ली की सत्ता हथियाने की नीयत से जिस तरह की नौटंकी की शुरुआत चुनावों से पहले की थी, दिल्ली की जनता का यह दुर्भाग्य है कि वह नौटंकी चुनाव खत्म होने के बाद भी थमने का नाम नही ले रही है ! नौटंकी मे किये जाने कलाकार कमोबेश वही हैं जो चुनावों से पहले थे-बस यही फर्क हुआ है कि चुनावों से पहले जो लोग "आम आदमी" होने की नौटंकी कर रहे थे, वे सब अब एक क्रूर और जालिम राजा की तरह दिल्ली की जनता का दिन- रात खून चूसने मे लगे हुये हैं ! अपने इस जुल्म और अत्याचार से देश दुनिया का ध्यान हटाने के लिये अब नयी नौटंकी शुरु की गयी है जिसका नाम है-" हम काम करते रहे-वे परेशान करते रहे" दरअसल नौटंकी का नाम तो होना चाहिये था कि -"वे काम करते रहे और हम अपनी नौटंकी से सभी को हैरान-परेशान करते रहे" ! लेकिन दुर्भाग्य यही है कि सच बोलने से यह पार्टी आज तक बचती आई है क्योंकि झूठ,पाखंड और बेशर्मी ही इन लोगो की असली जमा पूँजी है !
दिल्ली के सी एम साहब का कहना यह है क़ि प्रधान मंत्री मोदी को भी कुछ समय निकालकर दिल्ली पर ध्यान देना चाहिए -ठीक उसी तरह जैसे केजरीवाल जी को दिल्ली के अलावा पूरे देश क़ी समस्याओं में दखल देने क़ी लत पड़ चुकी है और वह दिल्ली को छोड़कर देश क़ि सभी समस्याओं पर इस नीयत से ध्यान देने क़ि कोशिश कर रहे हैं क़ि कब ऐसा मौका हाथ लग जाए क़ि अपने “जंगल राज और गुंडा राज” से लोगों का ध्यान हटाने के लिए कैसे मोदी को बदनाम किया जाए ! सच बात तो यह है क़ि दिल्ली के मुख्यमंत्री अभी तक अपनी वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में प्रधान मंत्री मोदी के हाथों मिली करारी हार के सदमे से उबर नहीं पाये हैं -दिल्ली की जनता ने उन्हें हालांकि प्रचंड बहुमत के साथ जबरन मुख्यमंत्री बनाकर अपना गम गलत करने का पूरा मौका दिया लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मानसिक स्थिति कुछ ऐसी है क़ि वह अवसाद ग्रस्त होकर अपने ही "स्वप्न लोक" में विचरण कर रहे हैं और अपने आप को देश का प्रधान मंत्री ही समझ समझ कर खुश हो रहे हैं-जाहिर सी बात है क़ि एक ही समय में दो लोग तो प्रधान मंत्री हो नहीं सकते -लिहाज़ा केजरीवाल जी ने बहुत सोच विचार के बाद ही प्रधान मंत्री मोदी को ही यह सुझाव दे दिया क़ि दिल्ली का काम काज मोदी जी देख लें क्योंकि देश दुनिया का काम तो केजरीवाल जी देख ही रहे हैं ! ममता,लल्लू,नीतीश,मुलायम और अखिलेश से भी वह अपनी नज़दीकियाँ इसलिये बढ़ा रहे हैं ताकि इन लोगों ने जंगल राज और गुन्डाराज कायम करके कैसे अपने राजनीतिक वजूद को बचाये रखा, उससे केजरीवाल जी खासे प्रभावित हैं ! केजरीवाल लगभग हर उस आदमी से प्रभावित है जिसका देश के कानून और संविधान मे कोई विश्वास नही है !
केजरीवाल जी क़ी समस्या को समझने के लिए उनकी मानसिक स्थिति को भी समझना जरूरी है -पी एम बनने के शेखचिल्ली वाले सपने के चलते उन्होंने सी एम क़ी कुर्सी तो पहले ही छोड़ दी थी -दिल्ली की जनता ने उनके गैर जिम्मेदार कन्धों पर दुबारा से सी एम पद का भार डालकर जो अन्याय उनके साथ किया है -उसका समुचित दंड वह दिल्ली की जनता को पहले भी देते रहे हैं और आगे भी तब तक देते रहेंगे ,जब तक उन्हें इस "अनावश्यक" थोपी हुयी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं कर दिया जाता ! अपनी तरफ से वह पूरी कोशिश कर रहे हैं और हालात ऐसे ही बना रहे हैं क़ि कोई संवैधानिक संस्था आगे बढ़कर उनके इस फैलाये हुए "जंगल राज और गुंडा राज " का संज्ञान लेते हुए उन्हें और उनकी तथाकथित सरकार को भंग कर दे ! समय समय पर उनके समर्थक गुंडे पुलिस वालों पर भी जानलेवा हमला करते रहते हैं और ईमानदार पुलिस वालों की नौकरी भी खा जाते हैं- ऐसे समर्थकों की हौसला आफजाई करने में अपने सी एम साहब कहाँ पीछे रहने वाले हैं- अगले ही दिन वह इस बात क़ि सार्वजनिक घोषणा कर देते हैं क़ि उन्हें ऐसे लोगों पर गर्व है जो पुलिस को इस तरह सबक सिखा सकें -आखिर केजरीवाल जी के होते हुए पुलिस होती कौन है लोगों को कानून का पाठ पढ़ाने वाली ? केजरीवाल जी तो खुद ही पुलिस,खुद ही जज,खुद ही अदालत हैं-उनके रहते हुए किसी कानून,संविधान, पुलिस या फिर संवैधानिक संस्था का कोई वजूद ही नहीं है ! हालत यह हो गयी है क़ि जितने भी गुंडे बदमाश पुलिस और कानून से डरकर छुपे फिर रहे थे ,केजरीवाल जी की सरकार बनने के बाद सभी ने सर पर "आपिया" टोपी लगा ली है और पुलिस और कानून को अपने हाथ में लिए बेख़ौफ़ होकर घूम रहे हैं ! इनकी गुंडागर्दी के चलते अगर पुलिस इन पर कार्यवाही कर दे तो भी यह "मोदी-मोदी" कहकर चिल्लाना शुरू कर देते हैं और दिल्ली में कहीं कोई अपराध हो जाए तो भी आदतन इन्हे "मोदी-मोदी" ही चिल्लाना होता है ! दिल्ली के सी एम साहब को शायद कहीं से यह ब्रह्म ज्ञान प्राप्त हो गया है क़ि मोक्ष प्राप्ति के लिए दिन में १०८ बार "मोदी-मोदी" की माला का जाप करो ! केजरीवाल जी अगर यह सब कर रहे हैं तो कुछ गलत नहीं कर रहे क्योंकि मोक्ष प्राप्त करना सभी का मौलिक अधिकार है !
आशा यही की जाती है क़ि मोदी जी केजरीवाल जी की सत्ता मे बने रहने की मजबूरी को समझेंगे और दिल्ली में तेजी के साथ फ़ैल रहे "जंगल राज और गुंडा राज" पर भी अपना थोड़ा ध्यान लगाएंगे ताकि मोदी जी गृह मंत्रालय क़ी जिम्मेदारी लगाएं और गृह मंत्रालय संविधान के अनुसार काम करते हुए केजरीवाल जी को अपनी जबरन थोपी हुयी जिम्मेदारियों से मुक्त करने में उनकी मदद कर सके !जब तक मोदी जी यह नहीं करेंगे, दिल्ली क़ी जनता ऐसे ही लुटती पिटती रहेगी और उससे टैक्स के नाम पर वसूले गए करोड़ों रुपयों को सी एम साहब कभी अपने महिमा मंडन में उड़ाते रहेंगे या फिर लाखों रुपयों के वेतन पर अपने यार दोस्तों और रिश्तेदारों को सरकारी ओहदों पर बिठाते रहेंगे ! जल्दबाज़ी तो अपने सी एम साहब के स्वाभाव में है -जो लूट दूसरी सरकारों ने ६० सालों में अंजाम दी थी, उससे बड़ी और ऐतिहासिक लूट ६० महीनो में अंजाम देने क़ी चुनौती भी तो उनके सामने है ! मोदी जी ने अगर जल्दी ही केजरीवाल जी के "थोड़े" कहे को "ज्यादा" नही समझा तो दिल्ली के सी एम साहब के साथ वह बहुत ज्यादा नाइंसाफी करेंगे ! दिल्ली पुलिस को "ठुल्ला" बताने वाले "खानदानी ठुल्लों" से दिल्ली पुलिस कैसे निपटे, इसकी व्यवस्था भी अब शायद मोदी जी को ही करनी पड़ेगी !
Published on 20/7/2015
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