मोदी जी ने कैसे बजाया "सेक्युलर" लोगों का ढोल ?

अभी हाल ही मे मोदी जी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान गीता भेंट करते हुये इस बात का जिक्र किया कि उनकी इस भेंट पर भी भारत मे बैठे "सेक्युलर" लोगों को तकलीफ हो सकती है और वे लोग इसी को बहुत बड़ा मुददा बनाकर चर्चाये शुरु कर सकते हैं ! जिस समय मोदी जी ने यह बात कही होगी,उन्हे इस बात का बिल्कुल भी ध्यान नही रहा होगा कि कभी भी किसी चोर को चोर नही कहना चाहिये और ना ही किसी गधे को गधा कहना चाहिये ! शायद वह "चोर की दाढ़ी मे तिनका" वाली मशहूर कहावत भी भूल गये ! अगर उन्होने इस मामूली सी बात का ख्याल रखा होता तो हमारे "सेक्युलर" लोगों को "सेक्युलर" कहे जाने पर बिल्कुल भी तकलीफ नही हुई होती और उन्होने अपने आप को बिल्कुल भी अपमानित महसूस नही किया होता ! इस ब्लॉग के मध्यम से मोदी जी को यह चेतावनी देना हमारा फ़र्ज़ है कि जिन "सेक्युलर" लोगों का इस देश के संशाधनों पर पहला हक है, उनका अपमान बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जायेगा !

मोदी जी को ऐसा बिल्कुल भी नही करना चाहिये था-"सेक्युलर" लोग जिस पूजा अर्चना के अधिकारी हैं, वह तो देश की जनता पहले ही 16 मई 2014 को कर चुकी है-अब उस पूजा अर्चना के ऊपर मोदी जी यह हवन की आग जलाकर "सेक्युलर" लोगों के साथ बड़ी नाइंसाफी कर रहे हैं-जो लोग पहले से ही जले भुने बैठे हैं-उन्हे और जलाने की कोशिश करना भी निरर्थक प्रयास है-जिससे मोदी जी को बचना चाहिये !

मोदी जी को अपनी गलती का अहसास करना चाहिये और उसका प्रायश्चित करने के लिये कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिये ताकि देश का हर व्यक्ति "सेक्युलर" लोगों को पूरा आदर सम्मान प्रदान करे ! मोदी जी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिये कि देश के सभी "संसाधनों" पर पहला हक इन "सेक्युलर" लोगों का हो-चाहे देश की बाकी जनता दो वक्त की रोटी को तरसती रहे और इस तरह का एक आदेश भी सभी राज्य सरकारों को भेज देना चाहिये कि "सेक्युलर" लोग अगर किसी संगीन अपराध को भी अंज़ाम दें तो भी उन्हे निर्दोष ही माना जाये और उस उस अपराध का दंड किसी ऐसे व्यक्ति को दे दिया जाये जो बिल्कुल भी "सेक्युलर" नही हो ! - हालांकि हमारे देश की कई "सेक्युलर" राज्य सरकारें, इस नियम पर पहले से ही काम कर रही हैं, लेकिन अगर मोदी जी की हरी झंडी मिल जायेगी तो सभी राज्य सरकारें इस कारनामे को निर्बाध गति से अंज़ाम दे सकेंगी !

मुझे तो यह भी लगता है कि मोदी जी ने अभी ठीक से भारत का संविधान भी नही पढ़ा है -उन्हे किसी "सेक्युलर" दोस्त से चश्मा उधार लेकर एक बार फिर से संविधान पढ़ना चाहिये-बहुत संभव है उसमे "सबका साथ- सबका विकास" ना लिखा हो,वरन यह लिखा हो कि इस देश के सभी संशाधनो पर "सेक्युलर" दोस्तों का ही हक है !

चलते-चलते :
(1)अब सुनने मे यह भी आ रहा है कि जो लोग पिछले 60 सालों से देश को लूटते रहे-वे और उनके समर्थक मिलकर मोदी जी से पिछले 100 दिनों का हिसाब मांग रहे हैं- इसमे कोई गलत बात थोड़े ही है-"सेक्युलर" लोग तो हिसाब मांग ही सकते हैं-आखिर उनका इस देश के सभी "संसाधनों" पर पहला हक जो है !



(2) मोदी जी ने अभी जापान मे जो ढोल बजाया है,उसे लेकर राहुल गाँधी जी काफी खफा हैं-मोदी जी ने  हाल के चुनावों मे  "सेक्युलर" लोगों का जिस तरह से ढोल बजाया है, जापान के ढोल से उसकी याद ताज़ा हो जाती है और ज़ख्म हरे भरे हो जाते हैं !
Published on 5/9/2014

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