क्या है मोदी पर कांग्रेस के हमलों का सच ?
कुख्यात पेंटर एम एफ हुसैन पर देश की अदालतों मे अनेक मामले चल रहे थे और उसके वावजूद कांग्रेस सरकार ने अपना "सेकुलरिज्म" दिखाते हुये हुसैन को देश छोड़कर कतर भागने दिया और जब हुसैन की मौत हुई तो बेशर्मी अख्तियार करते हुये तत्कालीन कांग्रेसी पी एम मनमोहन सिंह ने उस मौत को "राष्ट्रीय क्षति" बताकर अपने और अपनी पार्टी के "सेक्युलर" होने का एक बार और सुबूत दे दिया ! विदेशी ताकतों के इशारे पर काम कर रहे जो स्वघोषित पत्रकार और टी वी चैनल सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, उस समय मनमोहन सिंह की इस बेशर्मी पर उनके इस्तीफे की मांग करने की वजाये कुम्भकर्ण की नींद सोये हुये थे ! दाऊद और हसन अली जैसे दुर्दांत अपराधी भी कांग्रेस के शासनकाल मे ही भागने मे कामयाब रहे और भारतीय मछुआरों के हत्यारे इटली के नाविक भी इन्ही के शासनकाल मे देश छोड़कर भागने मे कामयाब रहे थे !
कैंसर से पीड़ित ललित मोदी की पत्नी की मानवीय आधार पर जिस सहायता के लिये सुषमा स्वराज की सराहना की जानी चाहिये, कुछ बेशर्म लोग उस पर सवाल खड़े करके उनका इस्तीफा मांगकर अपने मानसिक दिवालिएपन का सुबूत दे रहे हैं ! बौखलाये हुये यह लोग यह नही बता पा रहे हैं कि इस सारे प्रकरण मे ललित मोदी को ऐसा क्या फायदा मिल गया जो उसके पास पहले से नही था-जितने भी फायदे संभव हो सकते थे, वे तो कांग्रेस की सरकार ने अपने शासनकाल मे उसको पहले से ही मुहैय्या करा रखे थे ! सिर्फ और सिर्फ "सूटकेस" की भाषा समझने वाले लोग "मानवीय" आधार पर किये गये कार्यों का मूल्याँकन आखिर करें भी तो किस मुंह से ?
श्री ओसामा बिन लादेन जी, श्री हाफ़िज़ सईद साहब और श्री मसरत आलम साहब जैसे कुख्यात आतंकवादियों के भक्तगण यकायक अपनी खोयी हुई जमीन को तलाशने के चक्कर मे ऐसी ऐसी हास्यास्पद हरकतों को अंज़ाम दे रहे हैं, जिनसे इनकी मिट्टी और भी ज्यादा पलीत हो रही है क्योंकि जब जब भी यह दुष्प्रचार रूपी अपना ब्रह्मास्त्र निकालकर मोदी सरकार को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश करते हैं-इनके स्वघोषित नेता खुद ही धराशायी हो जाते हैं ! बोफोर्स घोटाले के मुख्य अपराधी क्वोत्रोची से लेकर भोपाल गैस काण्ड के मुख्य अपराधी एंडरसन को देश से सुरक्षित और बाइज़्ज़त भगाने वाले लोग आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक मामूली और सामान्य मानवीय आधार पर लिये गये फैसले को लेकर इस तरह तमतमाने की नौटंकी कर रहे हैं मानो जिस लूट को अंज़ाम देने मे इन लोगों ने 60 साल लगा दिये उस लूट पर सुषमा और मोदी ने मिलकर 60 मिनट के अंदर ही रोक लगा दी हो ! सुषमा स्वराज के किये गये इस इंसानियत भरे काम को लेकर जब इन लोगों मे खुद ही फूट पड़नी शुरु हुई तो इन लोगों ने सुषमा को छोड़ मोदी को निशाना बनाना शुरु कर दिया ! मतलब इन्हे ललित मोदी और उसकी पत्नी से कुछ लेना देना नही है-इन्हे हर हाल मे किसी ना किसी तरह मोदी को अपने निशाने पर लिये रहना है ताकि मोदी सरकार इन्ही के ऊलजलूल दुष्प्रचार मे उलझी रहे और देशहित मे कोई काम ना कर सके क्योंकि अगर मोदी सरकार ने म्यांमार जैसी मार पाकिस्तान की भी लगा दी तो इन लोगों को जबाब देना भारी पड जायेगा !
इन भक्तगणों की नौटंकी के सूत्रधार जो हाल ही मे थाइलॅंड की अपनी रहस्यमयी यात्रा से लौटे हैं, उन्होने भी अपना आपा आजकल पूरी तरह खोया हुआ है-थाइलैंड मे पता नही उनके साथ ऐसी क्या दुर्घटना हो गयी कि उन्हे सूट बूट से एकदम नफरत सी हो गयी है-अगर कभी गलती से वह इस देश के पी एम बन गये तो वह सूट बूट की जगह क्या पहनेंगे-इसका अंदाज़ा शायद उनके भक्तगणों को भी नही है ! यह ठीक है कि उन्हे और उनकी पार्टी को "सूट बूट " से ज्यादा "सूटकेस" मे ज्यादा दिलचस्पी रही है लेकिन जो बात इस देश की जनता अच्छी तरह जानती है उसके बारे मे इतना बखान करने की क्या जरूरत है-यह समझ से परे है !
ललित मोदी को देश से भगाने वाले और लोकसभा चुनावों की हार से पहले उसके समक्ष नतमस्तक होने वाले लोग अब अपनी हार से तिलमिलाये हुये हैं और जिस तरह से उनके एक के बाद एक ब्रह्मास्त्र असफल साबित हो रहे हैं, उससे उनकी बेचैनी और बौखलाहट और भी अधिक बढ़ती जा रही है ! सुषमा स्वराज के बहाने मोदी सरकार को घेरने की यह नयी नौटंकी इन लोगों मे कितनी जान फूंक पायेगी, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा ! मोदी को बात बेबात घेरने की नौटंकी से नौटंकीलाल की जैसे मिट्टी पलीत हो रही है, इन लोगों की भी देर सवेर उससे बदतर हालत होने वाली है !
Published on 17/6/2015
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