मोदी जी,देशद्रोहियों पर यह नर्मी मंहगी पड़ेगी

मुफ़्ती सरकार ने देशद्रोही मसरत को मौत के घाट उतारने के वजाये उसे जेल से रिहा करने की जो गलती की थी, उसका परिणाम आज सबके सामने है ! जिस कानून का हवाला देकर नरपिशाच देशद्रोही मसरत आलम को रिहा किया गया था, वह कानून देश के सामान्य नागरिकों के लिये हो सकता है-उसी कानून को देशद्रोही नरपिशाचों पर लागू करना कितना अनुचित और मूर्खतापूर्ण है, यह एक बार फिर साबित हो गया है !

ऐसा भी नही है कि मसरत आलम अकेला देशद्रोही हो-विधान सभा चुनावों मे जिस तरह से कश्मीर घाटी मे शर्मनाक चुनाव परिणाम आये हैं,उससे यह बात एकदम साफ हो चुकी है कि कश्मीर मे रहने वाले सभी लोग देशद्रोही हैं और उनके लिये सिर्फ मौत का कानून होना चाहिये ताकि इन लोगों को बिना किसी अदालती कार्यवाही के मौत के घाट उतारा जा सके ! इस बात के विरोध मे मीडिया,विपक्ष या किसी मानवाधिकार संगठन की तरफ से कोई आवाज़ उठे तो उसका भी वही हश्र होना चाहिये जो एक देशद्रोही का होता है !

देश मे जो कानून बनाये गये हैं वे उन नागरिकों के लिये हैं जिनकी भारत के संविधान मे आस्था है और जो लोग अपराधी होने के वावजूद भारत के प्रति वफादार है-जो देशद्रोही नरपिशाच खुले आम पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे है और पाकिस्तान झंडा लहरा लहराकर कह रहे है कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिये, उनका एक पल भी जिंदा रहना, भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार के मुंह पर करारा तमाचा ही कहा जायेगा ! मुफ़्तीऔर अब्दुल्ला जैसे लोगों को  पाकिस्तान और देशद्रोहियों से कितना प्रेम है-यह किसी से छिपा नही है लेकिन मोदी सरकार ने अगर इन कश्मीरी देशद्रोहियों को तत्काल मौत के घाट नही उतारा तो दिल्ली की तरह भाजपा का बिहार और उत्तर प्रदेश मे भी सफाया होने के प़ूरे आसार नजर आ रहे हैं ! मोदी सरकार विकास के जितने मर्ज़ी वादे कर ले, लेकिन हकीकत यह है कि जब तक इन पाकिस्तानी देशद्रोहियों का हमेशा के लिये खात्मा नही किया जाता, विकास का लाभ आम जनता तक नही पहुंच सकेगा क्योंकि देश के अन्य भागों मे बैठे हुये देशभक्त लोगों से कर के नाम पर वसूली गयी मोटी रकम का एक बड़ा हिस्सा कश्मीरी देशद्रोहियों के ऊपर पिछले 67 सालों से लगातार खर्च किया जा रहा है जो खा हिन्दुस्तान का रहे हैं और जय जयकार पाकिस्तान की कर रहे हैं !

कश्मीर घाटी मे हालात इस तरह के बन चुके हैं कि मसरत और उसके जैसे लाखों देशद्रोही समर्थकों को तुरंत ही मौत के घाट उतारने की जरूरत है-कश्मीर की पुलिस से शायद यह काम नही हो सकेगा-इसलिये भारत सरकार को सेना की जिम्मेवारी तय करनी पड़ेगी कि कश्मीर मे लाखों की संख्या मे मौजूद देशद्रोहियों को आनन-फानन मे मौत के घाट उतारकर कश्मीर घाटी को इन देशद्रोही नरपिशाचों से मुक्त कराये -इस बात के विरोध मे जो भी नरपिशाची आवाजें उठें, उन्हे भी देशद्रोहियों की तर्ज़ पर ठंडा कर दिया जाये !

कुल मिलाकर इन देशद्रोहियों को ऐसी सज़ा दिये जाने की जरूरत है कि इनकी भयानक मौत को देखकर ना सिर्फ पाकिस्तान मे बैठे इनके आकाओं की, बल्कि हिन्दुस्तान मे बैठे इनके आकाओं की रूह भी कांप उठे ! इन लोगों को मौत के घाट उतारने मे अगर कोई कानूनी अडचन हो तो एक अध्यादेश लाकर इन लोगों के तुरंत खात्मे का प्रावधान किया जाना चाहिये ! अगर कश्मीर को देशद्रोहियों से पूरी तरह मुक्त करने के लिये ठोस कदम तुरंत नही उठाये गये तो भाजपा के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लग सकते हैं और पार्टी को आने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों मे दिल्ली की तरह मुंह की खानी पड सकती है-2019 के लोकसभा चुनावों मे पार्टी कहाँ खड़ी होना चाहती है-इसका फैसला खुद भाजपा को करना है-जनता सही समय पर सही फैसला लेने मे पूरी तरह सक्षम है !
 Published on 16/4/2015

Comments

Popular posts from this blog

ऑनलाइन पैसा कमाने के 5 बेहतरीन तरीके

क्या हो सकता है मोदी सरकार का अगला कदम ?

पी एम पद की दौड़ मे मोदी किस नंबर पर ?